महाकुंभ के अगले अमृत स्नान की तैयारी में जुटा प्रशासन, पुख्ता व्यवस्था का दावा; पढ़ें लेटेस्ट अपडेट्स
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अब आग लगने की घटना सामने आई है, जिसमें 15 पंडाल जलकर खाक हो गए. यह आग सेक्टर 22 में लगी. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. इससे एक दिन पहले मौनी अमावस्या पर भगदड़ मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए. हालांकि, प्रशासन अब बसंत पंचमी पर 3 फरवरी को होने वाले अमृत स्नान की तैयारी में जुट गया है.;
Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए. इस हादसे के अगले ही दिन यानी आज सेक्टर 22 में आग लगने की घटना सामने आई है, जिसमें 15 पंडाल जलकर खाक हो गए हैं. हालांकि, फायर ब्रिगेड ने आग पर समय रहते काबू पा लिया. प्रशासन अब 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर होने वाले अगले अमृत स्नान की तैयारी में जुट गया है.
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि हमें आज छतनाग घाट थाना क्षेत्र में 15 टेंटों में आग लगने की सूचना मिली थी, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया गया. एसडीएम के अनुसार, यह एक अनधिकृत टेंट था, जिसे यहां लगाया गया थ. स्थिति नियंत्रण में है. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.
इससे पहले भी, दो बार महाकुंभ में आग लगने की घटना सामने आई थी. सेक्टर 2 में दो कारों में आग लग गई थी. वहीं, सेक्टर 19 में आग लगने से 18 शिविर जलकर खाक हो गए थे.
डीजीपी और मुख्य सचिव ने घटनास्थल का किया दौरा
डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद आज महाकुंभनगर पहुंचे. यहां उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और भीड़ प्रबंधन की समीक्षा की.
भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन
महाकुंभ में भगदड़ क्यों मची और इसके पीछे जिम्मेदार कौन है, यह पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. यह आयोग एक महीने में जांच पूरी कर सरकार का रिपोर्ट सौंपेगा. इसका प्रमुख रिटायर्ड जज हर्ष कुमार को बनाया गया है.
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हर्ष कुमार ने बताया कि हमने घोषणा के कुछ घंटों के भीतर ही कार्यभार संभाल लिया है. हमारे पास एक महीने का समय है. फिर भी हम जांच में तेजी लाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्य जल्द ही महाकुंभनगर का दौरा करेंगे. आयोग में पूर्व डीजीपी वी के गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डी के सिंह भी शामिल हैं. तीनों ने अपना काम शुरू कर दिया है.
'बसंत पंचमी पर होने वाले अमृत स्नान को लेकर हुई चर्चा'
महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। फिलहाल हम यहां इस बात पर चर्चा करने आए हैं कि हम बसंत पंचमी के अमृत स्नान को कैसे अच्छे से आयोजित कर सकते हैं और कैसे बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम उस जगह भी पहुंचे जहां यह घटना हुई थी और मेडिकल कॉलेज भी गए और इलाज करा रहे लोगों से मिले. यहां भर्ती किसी की हालत गंभीर नहीं है. कुछ लोगों को फ्रैक्चर हुआ है. हम बसंत पंचमी के लिए बेहतर व्यवस्था करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
सभी पांटून पुल खोले गए
भगदड़ मचने के एक दिन बाद सभी पांटून पुलों को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. यूपी सरकार के मुताबिक, आज दोपहर 2 बजे तक 1.52 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं आस्था की डुबकी लगाई है. वहीं, अब तक कुल 27.58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं.
श्रद्धालुओं से किए गए खास अनुरोध
श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे संगम की जगह सबसे नजदीकी घाट पर स्नान करें. इसके साथ ही महाकुंभ में आएं तो कम सामान लाएं और पुलिस के निर्देशों का पालन करें. श्रद्धालुओं से यह भी कहा गया है कि वे अमृत स्नान के दिन साधु-संतों के घाटों से दूर रहें.
भगदड़ पर क्या बोले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष?
महाकुंभ भगदड़ पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि किसी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है. हमारा प्रयास होना चाहिए कि महाकुंभ बहुत अच्छे से संपन्न हों. उन्होंने कहा कि जो भी विपक्षी दल सनातन धर्म के विरोधी हैं, उनकी कुदृष्टि के कारण यह घटना हुई है. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है.
सपा ने लगाया बड़ा आरोप
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार भगदड़ में हुई लोगों की मौत का आंकड़ा छिपा रही है. जितना सरकार मृतकों की संख्या बता रही है, उससे कहीं ज्यादा लोग मरे हैं. सपा इस मुद्दे को संसद में उठाएगी. सरकार को सभी मृतकों या घायलों का नाम और पता बताना चाहिए.
महाकुंभ में कैसे मची भगदड़?
महाकुंभ मेला के डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर काफी भीड़ जमा हो गई. इससे बैरिकेड्स टूट गए और श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचल दिया. इससे 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए.