गजब! UP के 6 जिलों में एक ही ठग निकला सरकारी मुलाजिम, कई करोड़ का लगाया चूना, जांच अफसर का बयान चौंकाने वाला

Job Scam UP: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी एक ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने जांच एजेंसियों को भी चौंका दिया. एक ही शख्स ने पहचान बदलकर 6 जिलों में सरकारी नौकरी की. इस तरह नौ साल में करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया. जांच अफसर के बयान से खुलासा हुआ कि यह गिरोह लंबे समय से सिस्टम को चकमा दे रहा था.;

( Image Source:  Meta AI )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 15 Sept 2025 10:43 AM IST

Job Scam News UP: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी भर्ती घोटालों की कड़ियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. फर्जी तरीके जॉब हासिल करने को लेकर ताजा खुलासा हैरान करने वाला है. एक ही जालसाज ने अलग-अलग पहचान और फर्जी दस्तावेजों के सहारे यूपी के छह जिलों में एक्स-रे तकनीशियन की नौकरी हासिल कर ली. जांच में पता चला कि इस धंधे में मोटा पैसा कमाने के लिए संगठित तरीके से फर्जीवाड़ा चलाया जा रहा था.

अभी तक की जांच में खुलासा हुआ है कि कैसे एक ही शख्स ने नौ साल तक छह जिलों में अर्पित सिंह नाम से काम करता रहा. जालसाजों ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके, सामूहिक रूप से लगभग 4.5 करोड़ रुपये के वेतन का गबन किया.

6 जिलों में उठाता रहा 69,555 वेतन

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से यह मामला जुड़ा है. चौंकाने वाले घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब यूपी सरकार के मानव संपदा पोर्टल द्वारा एक ऑनलाइन सत्यापन अभियान में छह जालसाजों को चिह्नित किया, जो एक ही नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि का इस्तेमाल कर रहा था. आरोपी छह जिलों में एक्स-रे तकनीशियन के रूप में 69,595 रुपये प्रति माह वेतन ले रहा था.

पैसे की वसूली मुश्किल

जांच अधिकारियों का कहना है कि जाली आधार कार्ड और क्लोन नियुक्ति पत्रों से लैस जालसाजों के गिरोह ने स्वास्थ्य विभाग के वेतन से लगभग 4.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और फिर गायब हो गया.

जांच अधिकारी मानते हैं कि वेतन की वसूली करना मुश्किल होगा क्योंकि जालसाज अपने घरों पर ताला लगाकर और फोन बंद करके फरार हो गया. सोमवार को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. जांचकर्ता अब गिरोह की कार्यप्रणाली का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या है पूरा मामला?

साल 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने एक्स-रे तकनीशियन पदों के लिए 403 उम्मीदवारों का चयन किया था. आगरा के अर्पित सिंह उनमें से एक थे, जिनका क्रमांक 80 था. हालांकि, समय के साथ, छह और 'अर्पित' अन्य जिलों में सेवा में शामिल हो गए, जिनमें से प्रत्येक ने जाली आधार विवरण और नियुक्ति पत्र का इस्तेमाल किया, जो आगरा के असली अर्पित के नियुक्ति पत्र के क्लोन थे.

वजीरगंज थाने में निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में बलरामपुर, फर्रुखाबाद, बांदा, रामपुर, अमरोहा और शामली में तैनात फर्जी भर्तियों के नाम शामिल हैं.

इन धाराओं में मुकदमा दर्ज

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ छद्म नाम से धोखाधड़ी (धारा 419), धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी (धारा 420), मूल्यवान प्रतिभूतियों की जालसाजी (धारा 467), धोखाधड़ी के लिए जालसाजी (धारा 468) और जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करने (धारा 471) के तहत मामला दर्ज किया है.

सपा सरकार के समय हुई थी भर्ती

डीसीपी वेस्ट विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि सभी छह जिलों से सेवा फाइलें और ज्वाइनिंग लेटर एकत्र किए जा रहे हैं. अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार में हुई यह भर्ती अब राजनीतिक विवाद का विषय बन गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

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