न गाड़ी न ट्रेन, E-रिक्शा से प्रयागराज कुंभ मेले में पहुंचे बाबा; सोने का भी है खास इंतजाम
प्रयागराज में होने जा रहे कुंभ मेले में प्रसिद्ध साधु-संत पहुंच रहे हैं. कई लोगों के बीच चर्चा का वीषय बने हुए हैं. इस बीच प्रयागराज में ई-रिक्शा और चाबी वाले बाबा की खूब चर्चा हो रही है. जानकारी के अनुसार मेले में स्नान करने पहुंचे साधु संत में एक ऐसे बाबा भी शामिल है जो काफी दूर का सफर तय कर यहां पहुंच रहे है, किसी के हाथ चाबी है तो कोई ई-रिक्शा पर सफर तय कर पहुंच रहा है.;
इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेला लगने वाला है. तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और बड़ी संख्या में लोग कुंभ मेले में स्नान करने पहुंच रहे हैं. ऐसे में कई अखाड़ों के साधु-संत महाकुंभ की तैयारी में यूपी के प्रयागराज पहुंच रहे हैं. कई साधु इस चर्चा का भी विषय बन चुके हैं. इस बीच ई-रिक्शा वाले बाबा का भी जिक्र काफी सुनाई दे रहा है.
आपको बता दें कि प्रयागराज में मेले में ई-रिक्शा पर बाबा पहुंचे. जिनकी इस समय खूब चर्चा हो रही है. बाबा ने बताया कि मेले में पहुंचने में उन्हें कितना समय लगा है.
12 से 13 दिनों का सफर किया तय
समाचार एजेंसी एएनआई से बाचतीत के दौरान बाबा ने बताया कि वो दिल्ली से महाकुंभ 2025 मेले में भाग लेने पहुंच रहे हैं. इसके लिए उन्होंने ई-रिक्शा को कस्टमाइज करवाया और प्रयागराज पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रयागराज पहुंचने के लिए उन्हें 12 से 13 दिन लग गए हैं. हालांकि इलेक्ट्रिक रिक्शा होने के कारण इसकी स्पीड भी काफी कम है. इसलिए इतना समय लगा.
जानकारी के अनुसार रिक्शा को इस तरह कस्टमाइज करवाया गया है कि रोज में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे बिस्तर और सब इसी में उपलब्ध हैं. हालांकि ऐसे ही ई-रिक्शा वाले बाबा के साथ चाबी वाले बाबा की भी खूब चर्चा हो रही है.
20 किलो की चाबी के साथ पहुंचे प्रयागराज
जानकारी के अनुसार ई-रिक्शा वाले बाबा के साथ-साथ चाबी वाले बाबा भी प्रयागराज पहुंचे हैं. जानकारी के अनुसार वो 20 किलो की चाबी अपने साथ लेकर के घूमते हैं. तभी से उनका नाम चाबी वाले बाबा पड़ा. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि वो 16 साल की उम्र से ही समाज में फैल रही बुराई और नफरत से लड़ने के लिए अपने घर बार को छोड़ चुके हैं. इस दौरान उन्होने कई पदयात्राएं की है इतना ही नहीं उन्होंने कई मुश्किलों का भी सामना किया है. इन मुश्किलों से कभी हारे नहीं और आगे बढ़ते रहे. इस चाबी के पीछे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास भगवान राम के नाम की चाबी है जिसे वो महाकुंभ में लेकर पहुंचे हैं.