ये कैसी लापरवाही! इमरजेंसी में AC के सामने सोता रहा डॉक्टर, तड़पकर मरीज की हो गई मौत; Video Viral होने के बाद सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें सरकारी अस्पताल के जूनियर रेजिडेंट (जेआर) डॉक्टर की लापरवाही से एक 30 साल के युवक की मौत हो गई. दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्ति को रात 1 बजे अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन उसे वहां कोई मदद नहीं मिली हालांकि मृतक को आपातकालीन वार्ड में घंटों तक बिना देखभाल के छोड़ दिए जाने के कारण खून बहने से उसकी मौत हो गई.;

( Image Source:  X/AshrafFem )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 29 July 2025 7:09 AM IST

मेरठ के एक सरकारी अस्पताल, लाला लाजपत राय मेमोरियल (एलएलआरएम) मेडिकल कॉलेज में एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है. सोमवार रात एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए 30 साल के सुनील कुमार को अस्पताल लाया गया, लेकिन आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनकी समय पर इलाज न हो पाने से मौत हो गई. 

घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें आपातकालीन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर भूपेश कुमार राय आराम से एसी के सामने कुर्सी पर सोते नजर आ रहे हैं. पास ही एक मेज पर उनका पैर रखा हुआ था और वहीं पास में, मरीज सुनील खून से लथपथ स्ट्रेचर पर पड़ा हुआ था. उनके परिजन लगातार डॉक्टर से गुहार लगाते रहे कि मरीज की हालत गंभीर है, उसे तुरंत इलाज चाहिए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 

अस्पताल से नहीं मिली थी मदद 

परिवार के अनुसार, रविवार देर रात सुनील अपनी बाइक से घर लौट रहे थे जब एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. हादसे में उनके पैर में गंभीर चोट लगी और काफी खून बह रहा था. उन्हें सोमवार तड़के करीब 1 बजे अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लाया गया. परिजनों का आरोप है कि वे कई बार डॉक्टर को जगाने की कोशिश करते रहे, लेकिन डॉक्टर टस से मस नहीं हुए. उन्होंने वहां मौजूद अन्य मेडिकल स्टाफ से भी मदद मांगी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मरीज इलाज के इंतजार में तड़पता रहा, और अंत में खून बहने के कारण उसकी जान चली गई. 

डॉक्टर को तत्काल निलंबित किया गया

जब यह मामला सामने आया और वीडियो वायरल हुआ, तो अस्पताल प्रशासन हरकत में आया. एलएलआरएम के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि वीडियो में जो कुछ भी दिख रहा है, वह बहुत ही गंभीर है. उन्होंने कहा, 'हमने वीडियो का संज्ञान लेते हुए डॉक्टर भूपेश कुमार राय को तुरंत सस्पेंड कर दिया है. मामले की गहराई से जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है.'

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब इस अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया हो. साल 2023 में भी तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया था, जब उन्होंने एक पांच साल के बच्चे के परिजन की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी. उस समय बच्चा फ्रैक्चर से पीड़ित था और दर्द से कराह रहा था. परिजनों के विरोध करने पर विवाद बढ़ गया और डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप लगा.

लोगों में गुस्सा और सवाल

इस पूरी घटना के बाद शहरभर में लोगों में गुस्सा और आक्रोश है. सोशल मीडिया पर भी लोग अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और डॉक्टरों के असंवेदनशील रवैये की निंदा कर रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि जब आपातकालीन वार्ड में भी मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, तो आम जनता कहां जाए?. इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान की कोई कीमत नहीं है? क्या सिस्टम में इतनी बेरुखी आ गई है कि एक घायल इंसान खून से लथपथ तड़पता रहे और डॉक्टर नींद पूरी करते रहें?. जांच के नतीजों का अब सभी को इंतजार है, लेकिन सुनील कुमार के परिवार के लिए ये नतीजे अब कोई मायने नहीं रखते – क्योंकि वे अपना बेटा, भाई और पति खो चुके हैं. 

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