शपथ लेते समय पार्लियामेंट में कहा था 'जय फिलिस्तीन', UP की कोर्ट ने ओवैसी को जारी किया समन

एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को बरेली की एक कोर्ट ने संसद में ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ नारा लगाने के मामले पर नोटिस जारी किया है. वहीं अब उन्हें 7 जनवरी को कोर्ट में पेश होना होगा.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 24 Dec 2024 9:04 PM IST

AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया था. ये नारा लगाना उन्हें भारी पड़ गया. दरअसल अब इस मामले में उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है. इसी कड़ी में बरेली की कोर्ट ने उन्हें 7 जनवरी को अदालत में पेश होने को कहा है. आपको बता दें कि इस मामले में ओवैसी के खिलाफ बरेली की एक कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

दायर हुई याचिका के अनुसार संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ पर वकील वीरेंद्र गुप्ता ने उनपर संवैधानिक एवं कानूनी मान्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश की अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी को सात जनवरी को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है.

नारा लगाना अपमान करने जैसा है

अदालत में इस मामले के खिलाफ याचिका दायर करने को लेकर वकील ने कहा कि संसद में जय फिलिस्तीन का नारा लगाना से उनकी भावना आहत हुई हैं. ओवैसी का ये बयान भारत के संविधान के उलट और उसका अपमान करने के जैसा ही है. इसलिए उन्होंने बरेली के एमएलए कोर्ट में याचिका दर्ज की थी. लेकिन इस याचिका को अदालत ने 12 जुलाई 2024 में खारिज किया था. याचिका खारिज होने पर इस मामले में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत में अपील की थी, जिसके बाद उन्हें सात जनवरी को तलब किया गया है. 

कब लगाया था नारा?

आपको बता दें कि हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने चार जून 2024 को 18वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद 25 जून 2024 को जब सांसद के रूप में लोकसभा में शपथ ली थी. इस शपथ समारोह में ओवैसी ने नारा लगाया ‘‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’’ . उस समय भी इस नारे को लेकर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि मामला बढ़ जाने पर ओवैसी ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने जो नारा लगाया ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ यह खिलाफ कैसे है? उस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर ये संविधान के खिलाफ है तो संविधान में प्रावधान दिखाएं. हालांकि ये मामला एक बार फिर से सामने आया है. जब इस नारे को लेकर अदालत ने उन्हें समन जारी किया है.

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