आजमगढ़ के DM ने इंजीनियर को डंडे से मारा? विभागीय अफसरों को लिखी चिट्ठी वायरल, क्या है मामला?
Azamgarh Viral News: आजमगढ़ सिंचाई विभाग के इंजीनियर अरुण सचदेवा ने जिले के डीएम रविंद्र कुमार पर ऑफिस में बुलाकर डंडे से मारने का आरोप लगाया है. इस बीच एक्सईएन द्वारा विभागीय अधिकारियों को लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अब इसको लेकर दो अधिकारियों के बीच का विवाद लखनऊ तक सुर्खियों में है.;
Azamgarh Latest News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में भी आईएएस और टेक्नोक्रैट के बीच सब कुछ सही नहीं है. इसका एक बड़ा मामला आजमगढ़ से सामने आया है. आजमगढ़ सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव ने डीएम पर रविंद्र कुमार पर कैंप कार्यालय में बुलाकर अभद्रता का आरोप लगाया है. हालांकि, डीएम ने इंजीनियर के आरोपों को बेसलेस करार दिया है.
दूसरी तरफ बाढ़ खंड के चीफ इंजीनियर और विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर अरुण सचदेव ने इस मामले की जानकारी दी है. अपने पत्र में इंजीनियर ने आजमगढ़ में कार्य करने में असमर्थता जताई है. दूसरी तरफ डीएम रविंद्र कुमार ने सफाई दी है कि कई बार बाढ़ के दौरान पानी आने वाले गांवों की सूची मांगने के बाद भी अधिशासी अभियंता ने मुहैया नहीं कराई. अब इस बारे में पूछे जाने पर मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं.
खास बात यह है कि इंजीनियर अरुण सचदेव ने जो अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को चिट्ठी लिखी वो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. सोशल मीडिया यूजर्स डीएम और इंजीनियर के बीच इस अनुशासनहीनता को लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
आजमगढ़ सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव ने अपने पत्र में विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परिकल्प एवं नियोजन), मुख्य अभियंता, मंडलायुक्त, उप महानिरीक्षक, अधीक्षण अभियंता, पुलिस अधीक्षक, इंजीनियर्स एसोसिएशन को चिट्ठी लिखी. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि 13 जून को कलेक्ट्रेट में एक बैठक बुलाई गई थी. इसमें डीएम ने बीते 15 सालों में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या और प्रभावित लोगों के विस्थापन के बारे में जानकारी मांगी थी. इस बैठक के बाद के बाद मुझे कैंप ऑफिस में बुलाया गया. डीएम कैंप कार्यालय पहुंचने पर मेरे साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई.
इससे उलट जिलाधिकारी रविंद्र कुमार का कहना है कि बीते 25 मई को एसएसपी के साथ मैंने बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान एक्सईएन बाढ़ खंड अरुण सचदेव अनुपस्थित थे. पता चला कि वे बिना इजाजत जिला मुख्यालय से बाहर गोरखपुर में हैं. जबकि निरीक्षण से पहले कहा गया था कि बिना इजाजत के कोई भी अधिकारी जिला हेडक्वार्टर से बाहर न जाएं. उनकी इस लापरवाही को देखते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी थी.
डीएम के मुताबिक इंजीनियर से बाढ़ प्रभावित गांवों को पहले ही अलर्ट करने के लिए सूची मांगी गई थी, लेकिन महीने भर बाद भी उन्होंने सूची उपलब्ध नहीं कराई. इस बारे में एक्सईएन बाढ़ खंड अरुण सचदेव को मैसेज कर और कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. इस बीच इंजीनियर अरुण सचदेवा ने जो चिट्ठी लिखी थे वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.