'धार्मिक स्थल प्रार्थना के लिए, न कि लोगों को...', HC ने मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की याचिका की खारिज
Prayagraj: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थल प्रार्थना के लिए हैं, इसलिए यहां लाउडस्पीकर का प्रयोग अधिकार के क्षेत्र में नहीं आता है.;
Prayagraj: मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाने का मामला सालों से विवादास्पद रहा है, जिसे लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की मांग की गई थी. इसमें राज्य प्राधिकारियों को अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थल प्रार्थना के लिए हैं, इसलिए यहां लाउडस्पीकर का प्रयोग अधिकार के क्षेत्र में नहीं आता है. जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस दोनादी रमेश की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, 'धार्मिक स्थल ईश्वर की प्रार्थना के लिए होते हैं और लाउडस्पीकरों के प्रयोग को अधिकार के रूप में नहीं कहा जा सकता, विशेषकर तब जब लाउडस्पीकरों के प्रयोग से निवासियों को अक्सर परेशानी होती है.'
याचिकाकर्ता के पास अधिकार नहीं -कोर्ट
कोर्ट में ये याचिका पीलीभीत के रहने वाले मुख्तियार अहमद ने दायर की थी. शुराआत में राज्य के वकील ने इस आधार पर रिट की स्वीकार्यता पर आपत्ति की कि याचिकाकर्ता न तो मुतवल्ली है और न ही मस्जिद उसकी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के पास रिट याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है.