ये खाने में थूक मिलाते, गांव में घुसने मत दो... 15 साल की कथावाचक बाल विदुषी लक्ष्मी का मुसलमानों पर विवादित बयान

Agra News: कथावाचक बाल विदुषी लक्ष्मी मुसलमानों पर विवादित बयान दिया. लक्ष्मी ने कहा कि मुसलमानों को गांव में घुसने मत दो. क्योंकि ये आएंगे तो क्या करेंगे. हमें कैसे पता चलेगा कि कौन अच्छा है और कौन बुरा है. वह कहती हैं कि मुसलमान आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं.;

( Image Source:  @priyarajputlive )

Bal Vidushi Laxmi: सोशल मीडिया कथावाचक अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. कुछ समय पहले अनिरुद्ध आचार्य 25 साल की लड़कियों की शादी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद बवाल मच गया था. अब कथावाचक बाल विदुषी लक्ष्मी विवादों में आ गई हैं. उन्होंने मुसलमानों पर बयान दिया है, जिससे हंगामा खड़ा हो गया.

यूपी के आगरा के शमशाबाद स्थित गांव खेड़ा में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान विवादित बयान दिया. लक्ष्मी ने कहा, मंच से मुसलमानों के गांवों में प्रवेश को रोकने की अपील की. उन्होंने कहा कि गांव के बाहर एक बोर्ड लगाना चाहिए, जिस पर लिखा हो मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है.

मुसलमानों पर लेकर टिप्पणी

कथावाचक बाल विदुषी लक्ष्मी ने कहा कि मुसलमानों को गांव में घुसने मत दो. क्योंकि ये आएंगे तो क्या करेंगे. हमें कैसे पता चलेगा कि कौन अच्छा है और कौन बुरा है. साथ ही सनातनी को सावधान रहने की सलाह दी है. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि आई लव मोहम्मद, लेकिन पैसा कमाने के लिए हिंदू नामों और देवी-देवताओं के नाम से ढाबे चलाते हैं. लक्ष्मी ने कहा, दुनिया भर से कैसे-कैसे खबरें आ रही हैं. कथा के बहुत से वीडियो वायरल हो रहे हैं.

खाने में थूक मिलाते हैं-लक्ष्मी

कथावाचक ने यह भी कहा कि मुसलमान खाने-पीने की वस्तुओं और फलों में थूक मिलाकर हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करते हैं. इसलिए सबको सावधान रहना चाहिए. वह कहती हैं कि मुसलमान आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा, हमारी बहन-बेटियों को धोखा देने की कोशिश करते हैं. हमें इनसे बचना चाहिए. इस बयान के बाद, उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, और यह मामला चर्चा का विषय बन गया है.

कौन है कथावाचक बाल विदुषी लक्ष्मी?

15 साल की बाल विदुषी लक्ष्मी का असली नाम लक्ष्मी भारद्वाज है. वह एक युवा और कथावाचिका हैं. उन्होंने सिर्फ 3 साल की उम्र में भक्ति के क्षेत्र में कदम रखा. 11 साल की आयु तक 35 से अधिक श्रीमद्भागवत कथाएं कर चुकी हैं. लक्ष्मी जी ने विभिन्न धार्मिक आयोजनों में श्रीमद्भागवत कथा, राम कथा और कृष्ण कथा का वाचन किया है, जिससे उन्होंने समाज में धार्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा दिया है.

Similar News