दो साइंस टीचर्स का कारनामा! श्रीगंगानगर में कर्ज चुकाने के लिए लैब में बना रहे थे ड्रग्स, NCB ने खोल दी पोल
Sri Ganganagar News: श्रीगंगानगर जिले में एनसीबी दो विज्ञान के शिक्षकों को लैब में ड्र्ग बनाने को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में दोनो शिक्षकों ने बताया कि वे लगभग ढाई महीने पहले ही अपार्टमेंट किराए पर लेकर वहां हर शनिवार-रविवार मेफेड्रोन बनाते थे.;
Rajasthan News: राजस्थान की एक लैब में ड्रग्स बनाने का मामला सामने आया है. केंद्रीय जांच एजेंसी NCB ने उस लैब के अवैध कारनामे का भंडाफोड़ किया. एक अभियान के तहत लगभग 780 ग्राम मेफेड्रोन (MD) जब्त किया गया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो शिक्षकों भी शामिल हैं.
इस मामले के बारे में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी जरनल डायरेक्टर नीरज गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की. शिक्षकों की पहचान राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले 35 साल के रसायन शास्त्र के एक टीचर हैं. दूसरे का उसी जगह के एक सरकारी स्कूल में विज्ञान के टीचर हैं.
लैब में बनाई जा रही थी ड्रग्स
आरोपी शिक्षकों ने 2 महीने से फ्लैट को किराए पर लिया था और ड्रग्स बनाने का अवैध काम कर रहे थे. इसके लिए दिल्ली से रसायन और उपकरण मंगवाए थे. NCB को लैब से मेफेड्रोन के साथ ऐसिटोन, बेंजीन, सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, ब्रोमीन, मिथाइलामीन, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, 4‑मेथाइल-प्रोपियोफेनोन, N-मेथाइल‑2‑पायरोलिडोन समेत कई रासायन और लैब उपकरण भी मिले.
कैसे बताने थे ड्रग्स?
पुलिस की पूछताछ में दोनो शिक्षकों ने बताया कि वे लगभग ढाई महीने पहले ही अपार्टमेंट किराए पर लेकर वहां हर शनिवार-रविवार मेफेड्रोन बनाते थे. इस दौरान उन्होंने पूरे 5 किलोग्राम MD का उत्पादन किया, जिसमें से 4.22 किलोग्राम पहले ही ग्राहकों को बेचा जा चुका था, जबकि 780 ग्राम वहीं जब्त किया गया. इन ग्राहकों में सबसे ज्यादा युवा बच्चे हैं.
NCB के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि पकड़ा गया MD का हिस्सा लगभग 2.34 करोड़ रुपये कीमत का था. पूरे उत्पादन का मार्केट वेल्यू लगभग 15 करोड़ रुपये. बताया जा रहा है स्कूल में पढ़ाने के साथ वेद शिक्षक दो शिक्षकों ने जानकारी दी कि कच्चा माल दिल्ली से मंगवाया गया था. अब NCB यह पता लगाने में लगी है कि उनके सप्लाई नेटवर्क में और कौन शामिल था.
आरोपी निकले बेस्ट फ्रेंड
NCB के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपी शिक्षक पिछले 15 साल से एक-दूसरे को जानते हैं और अच्छे दोस्त हैं. वे कर्ज में डूबे थे और उसकी भरने के लिए अवैध राह चुनी. आरोपी ने कहा, पहले वह बिचौलिए की मदद से प्रॉडक्ट बेचते थे, लेकिन बाद वह अपने दम पर ड्रग्स की ब्रिकी करने लगे. वहीं फ्लैट का किराया दस हजार महीना जाता था.