राजस्थान सरकार ने बनाया नया रिकॉर्ड! अब तक 527 माइनर मिनरल प्लॉटों की हुई ई-नीलामी
Rajasthan Government: राजस्थान के अब तक माइनर मिनरल के 527 प्लॉटों की नीलामी की गई. नीलामी से सरकार को 40 प्रतिश प्रीमियम राशि 231 करोड़ रुपये मिली है. राज्य में सेंड स्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, क्रवार्टज, फेल्ड्सपार, सिलिका सेंड, क्र्वाटजाइट आदि माइनर मिनरल भंडार है.;
Rajasthan Government: राजस्थान सरकार प्रदेश के विकास के लिए बहुत से कल्याणकारी काम कर रही है. अब राजस्थान सूर्य नमस्कार की तरह माइनर मिनरल प्लॉटों के ऑक्शन में भी नया रिकॉर्ड बनाया है. राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने अब तक माइनर मिनरल के 527 प्लॉटों की नीलामी की है.
जानकारी के अनुसार, माइनर मिनरल प्लॉटों की ई-ऑक्शन से भजनलाल सरकार को 577 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रीमियम राशि राजस्व मिला है. प्रमुख शासन सचिव माइंस टी. रविकिशन ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खान मंत्री ने प्रदेश में माइनिंग सेक्टर के विकास के लिए खनिज खोज व मेजर-माइनर मिनरल ब्लॉक के ऑक्शन पर जोर दिया.
माइनिंग ब्लॉक का ई-ऑक्शन डेटा
केंद्र सरकार के माइनिंग प्रावधानों के मुताबिक, 2017-18 से माइनिंग ब्लॉकों व प्लॉटों के ऑक्शन के प्रावधान किए गए. इसके बाद से ऑक्शन के नीलामी के प्रावधानों के बाद से प्रदेश में अब तक 4914 हैक्टेयर के 2536 माइनर ब्लॉकों की नीलामी की गई, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 527 प्लॉटों की केंद्र सरकार के पोर्टल के जरिए ई-नीलामी की जा चुकी है.
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राजस्थान सरकार का डेटा
इस निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 1044 हैक्टेयर के 527 प्लॉटों की नीलामी से सरकार को 40 प्रतिश प्रीमियम राशि 231 करोड़ रुपये मिली है. उन्होंने बताया कि राज्य में सेंड स्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, क्रवार्टज, फेल्ड्सपार, सिलिका सेंड, क्र्वाटजाइट आदि माइनर मिनरल भंडार है. विभाग द्वारा रोडमेप बनाकर एक्सप्लोरेशन के साथ ही खनिजों के डेलिनियेशन कर प्लॉट तैयार करने और उनकी ई-नीलामी पर जोर दिया जा रहा है जिससे खनिजों के अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके.
किसानों को मिलेगी फार्मर आईडी
राजस्थान सरकार उन्हें डिजिटल सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. एग्रीस्टैक योजना में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट को आगामी 5 फरवरी से संपूर्ण राजस्थान में लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत जयपुर सहित राज्य के सभी जिलों में शिविर लगेंगे. जहां किसानों को फार्मर रजिस्ट्री आई.डी. बनाई जाएगी. इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं. जिले के हर किसान को ना केवल शिविरों के आयोजन की जानकारी हो बल्कि शिविरों में किसान फार्मर आईडी बनाने के साथ अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ उठा सकें.