अब खनन माफिया की खैर नहीं! राजस्थान सरकार ने एक्शन लेने के लिए बनाया ये प्लान

Mining Mafia: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में खनन माफिया पर नकेल कसने के लिए बड़ा फैसला किया है. अब जीपीएस एवं टैग लगे लगे व्हीकल ही बजरी व अन्य खनिज का परिवहन कर सकेंगे. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेकिंग सिस्टम (ETS) की मदद से खनिज परिहवन करने वाली गाड़ियों की लोकेशन खान विभाग के पास रिकॉर्ड हो जाएगी.;

( Image Source:  canva )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 7 Feb 2025 3:05 PM IST

Rajasthan Government: राजस्थान सरकार प्रदेश में अपराध के खिलाफ अभियान चला रही है. चोरी-लूट और छेड़छाड़ में आरोपियों पर पुलिस एक्शन ले रही है. अब खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार जीपीएल की मदद लेगी. यानी जीपीएस एवं टैग लगे लगे व्हीकल ही बजरी व अन्य खनिज का परिवहन कर सकेंगे.

जानकारी के अनुसार, राजस्थान में अब बिना व्हीकल लोकेशन डिवाइस व रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) सिस्टम के वाहनों का ई-रवन्ना नहीं कटेगा. इस संबंध में खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पुष्कर राज आमेटा ने गाड़ी में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया है, जिससे खनन माफिया की पहचान कर उन्हें सजा दी जा सके.

गाड़ी में GPS सिस्टम जरूरी

रिपोर्ट में बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेकिंग सिस्टम (ETS) की मदद से खनिज परिहवन करने वाली गाड़ियों की लोकेशन खान विभाग के पास रिकॉर्ड हो जाएगी. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि खनिज किसी लीज एरिया से भरा गया है या नहीं. इसकी जानकारी के बिना रवन्ना को अनुमति नहीं मिलेगी. आरएफआइडी से कांटे पर गाड़ी नंबर ट्रेस हो जाएंगे. इसके अलावा कौन से रूट से खनिज लेकर जाएंगे यह भी साफ देखा जा सकेगा. साथ ही खनिज परिवहन रजिस्टर्ड वाहनों से ही किया जा सकेगा. इन सबकी निगरानी रखने के लिए कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे.

सरकार के पास सेव रहेगा गाड़ियों का डेटा

भजनलाल सरकार ने धर्मकांटा को भी खान विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल से लिंक करने का फैसला लिया है. इससे विभाग के पास सभी वाहनों का डेटा उपलब्ध रहेगा. बिना वैध ई-रवन्ना और तय मार्ग से अन्यत्र मार्ग पर चलने वाले वाहनों को अवैध माना जाएगा. नए नियम के तहत जिस गाड़ी में जीपीएस नहीं लगा होगा और आगे-पीछे नंबर प्लेट नहीं होगी, उन्हें खनिज देने वाले स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांट, रिटेल भंडारकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सरकारी ने दिया निर्देश

वाहन की पूरी जांच करके और जीपीएस होने के बाद ही वाहनों का रवन्ना कंफर्म होगा. धर्मकांटा व खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को मिनरल ट्रेकिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा. जिससे वाहन में खनिज भरने से लेकर डेस्टिनेशन तक पहुंचने की जानकारी ऑनलाइन निगरानी रखी जाएगी. राज्य सरकार ने वाहनों में सख्ती से जीपीएस सिस्टम एवं टैग लगाने का निर्देश जारी किया है.

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