हिंद केसरी विजेता और करोड़ों की कमाई, फिर कैसे हथियार तस्करी में हुए गिरफ्तार? जानें कौन हैं पहलवान सिकंदर शेख

राष्ट्रीय स्तर के पहलवान सिकंदर शेख की पंजाब के मोहाली में हथियारों संग गिरफ्तारी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. पुलिस का दावा है कि वह अंतरराज्यीय हथियार तस्करी नेटवर्क से जुड़ा है, जबकि परिवार और एनसीपी नेताओं का कहना है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है. 2024 के हिंद केसरी विजेता और करोड़ों कमाने वाले इस पहलवान पर आरोप सही हैं या खेल प्रतिद्वंद्विता की साजिश. यही सवाल अब चर्चा में है. मामला राजनैतिक रंग भी पकड़ चुका है.;

( Image Source:  X/RRPSpeaks )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

पंजाब के मोहाली में हथियारों के साथ गिरफ्तार एक नाम से अचानक सुर्खियाँ गूंज उठीं. नाम था सिकंदर शेख, वही खिलाड़ी जिसने कुछ ही महीने पहले दंगल में हिंद केसरी का ताज पहनकर अपना लोहा मनवाया था. लेकिन अब वही राष्ट्रीय स्तर का पहलवान एक ऐसे केस में फंसा है, जिसमें सिर्फ गिरफ्तारगी नहीं, बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी, खेल जगत की हलचल और साज़िश के आरोपों तक सब कुछ शामिल है.

26 वर्षीय सिकंदर की गिरफ्तारी ने महाराष्ट्र के सोलापुर से लेकर चंडीगढ़ तक सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या यह एक उभरते खिलाड़ी के करियर पर अचानक लगा दाग़ है, या फिर उसे वाकई किसी बड़े हथियार नेटवर्क से जोड़कर फंसा दिया गया है? मामला अब सिर्फ पुलिस की चार्जशीट तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक दलों और खेल बिरादरी की लड़ाई का मुद्दा बन चुका है.

कौन हैं पहलवान सिकंदर शेख?

सिकंदर शेख सोलापुर जिले के मोहोल कस्बे के रहने वाले हैं और भारतीय कुश्ती सर्किट में तेजी से उभरे नाम हैं. 2024 में उन्होंने रुस्तम-ए-हिंद केसरी खिताब जीता, जबकि 2019 में शिरडी में आयोजित अंडर-23 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था. वह देशभर में दंगलों में नकद इनाम जीतने वाले हाई-डिमांड पहलवान माने जाते हैं.

पंजाब में अचानक गिरफ्तारी, पुलिस का दावा

मोहाली पुलिस ने दावा किया कि सिकंदर को दो अन्य आरोपियों के साथ एयरपोर्ट रोड के पास हथियार खरीदते समय पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, पांच पिस्तौल, जिंदा कारतूस, दो लग्जरी गाड़ियां और करीब ₹2 लाख बरामद हुए. जांच में यह भी सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क अंतरराज्यीय अवैध हथियार सप्लाई से जुड़ा था.

इसे फंसाया गया: परिवार

सिकंदर के पिता राशिद शेख, जो खुद भी पहलवान रह चुके हैं, उन्होंने कहा कि बेटे को साजिश के तहत फंसाया गया है. उनका आरोप है कि खेल प्रतिद्वंद्विता और जलन के कारण कुछ लोगों ने उसकी लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. परिवार का दावा है कि सिकंदर इलाके में अस्थायी तौर पर रह रहा था ताकि उत्तर भारत की कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सके.

करोड़ों कमाने वाला हथियार क्यों खरीदेगा?

एनसीपी के सोलापुर जिला अध्यक्ष उमेश पाटिल ने कहा कि सिकंदर हर सीजन में 3–4 करोड़ रुपये कमाता है, उसे अलग-अलग आयोजकों से महंगी गाड़ियाँ उपहार में मिली हैं. उन्होंने कहा, “जिसके पास पैसा, नाम और भविष्य हो, वो अवैध हथियारों के सौदे में क्यों उतरेगा?” पार्टी का आरोप है कि सिकंदर को उसके रूममेट्स ने एक ऐसा पार्सल देने को कहा, जिसमें मौजूद सामान की उसे जानकारी ही नहीं थी.

समर्थन में उतरे रोहित पवार

एनसीपी (एसपी) के युवा नेता रोहित पवार ने भी सिकंदर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह मामला खेल जगत में ईर्ष्या और रंजिश का परिणाम हो सकता है. पवार ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से दखल देने की मांग की है, ताकि पंजाब सरकार से संवाद कर “न्याय सुनिश्चित” किया जा सके.

नेटवर्क के तार पपला गुर्जर गैंग से जुड़े

मोहाली पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों का संबंध एक बड़े क्रिमिनल सिंडिकेट से है, जो हरियाणा, यूपी, एमपी और पंजाब में हथियार सप्लाई करता है. यह नेटवर्क कथित रूप से कुख्यात पपला गुर्जर गैंग से जुड़ा बताया गया है. पुलिस का दावा है. सिकंदर सिर्फ ग्राहक नहीं, कड़ी का हिस्सा था.

अब गेंद कोर्ट में किसके पास?

एक तरफ पुलिस कह रही है कि उनके पास सबूत हैं, दूसरी तरफ परिवार, राजनीतिक दल और खेल समुदाय इसे फंसाए जाने की कहानी बता रहा है. अब मामला सिर्फ 'अभियुक्त vs पुलिस' नहीं, बल्कि 'कुश्ती का हीरो vs गैंगस्टर टैग' जैसा बन गया है. आने वाले दिनों में यह तय होगा कि सिकंदर शेख एक ‘नाम खराब हुआ खिलाड़ी’ कहलाएगा या ‘बेकसूर खिलाड़ी जिसने सिस्टम से लड़ाई जीती’.

Similar News