पंजाब की पूर्व पहलवान ने ड्रग्स के लिए बेचा अपना पांच महीने का बच्चा, शादी के बाद लग गई थी नशे की लत
यह कपल सबसे पहले इंस्टाग्राम सोशल मीडिया ऐप पर एक-दूसरे से मिला था. आजकल वे इतनी गरीबी में जी रहे हैं कि उनके घर में कोई अच्छी रसोई भी नहीं है. घर के बरामदे में ही जमीन पर कुछ बर्तन रखकर वे खाना बनाते हैं. जो पैसे उन्होंने बच्चे को बेचकर कमाए.
पंजाब के मानसा जिले से एक बहुत ही दुखद और हैरान करने वाली खबर आई है. यह घटना बुढलाडा उपमंडल के अकबरपुर खुडाल गांव में हुई है। यहां एक नशे की लत में डूबा हुआ दंपति ने अपने सिर्फ 5 महीने के छोटे से बच्चे को 1 लाख 80 हजार रुपये में बेच दिया. इसका मुख्य कारण यह था कि वे अपनी नशे की आदत को पूरा करना चाहते थे और पैसे की सख्त जरूरत थी. यह पूरा मामला तब बाहर आया जब बच्चे की चाची ने पुलिस स्टेशन जाकर मदद मांगी.
उसने कहा कि उसके भाई-भाभी ने बच्चे को बेच दिया है और अब उसे वापस उसके असली माता-पिता के पास पहुंचाने में सहायता चाहिए. पुलिस को जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू हो गई. सूत्रों से पता चला है कि बच्चे की मां महज 19 साल की है और वह कभी पंजाब राज्य स्तर की एक अच्छी पहलवान हुआ करती थी. लेकिन उसके पति की नशे की बुरी लत ने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया. शुरू में सिर्फ पति ही नशा करता था, लेकिन धीरे-धीरे पत्नी भी इसमें फंस गई. अब दोनों ही नशे के आदि हो चुके हैं और परिवार की हालत बहुत खराब हो गई है.
बच्चा बेचकर कमाया पैसा
यह कपल सबसे पहले इंस्टाग्राम सोशल मीडिया ऐप पर एक-दूसरे से मिला था. आजकल वे इतनी गरीबी में जी रहे हैं कि उनके घर में कोई अच्छी रसोई भी नहीं है. घर के बरामदे में ही जमीन पर कुछ बर्तन रखकर वे खाना बनाते हैं. जो पैसे उन्होंने बच्चे को बेचकर कमाए, उसका इस्तेमाल उन्होंने नशे की गोलियां और दवाएं खरीदने में किया. इसके अलावा कुछ घरेलू सामान जैसे बर्तन या कपड़े खरीदे और अपनी गिरवी रखी हुई मोटरसाइकिल को बैंक या साहूकार से छुड़ाने में लगाया. गांव के सरपंच के पति ने इस बारे में बताया कि उन्होंने इस दंपति को कई बार समझाया और नशा छोड़ने की सलाह दी. लेकिन वे कभी नहीं माने और अपनी आदतों में सुधार नहीं किया. गांव वाले भी अब थक चुके हैं.
दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए
जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिनका नाम हरजिंदर कौर है, ने इस पूरी घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हमें भरोसेमंद लोगों से खबर मिली कि नशेड़ी माता-पिता ने लगभग एक महीने पहले अपने बच्चे को बुढलाडा इलाके के एक दूसरे परिवार को दे दिया था. दोनों परिवारों ने एक कागज पर साइन भी किए थे, जिसे वे गोद लेने का पत्र बता रहे थे. हमारी टीम अभी और ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रही है और जल्द ही कार्रवाई होगी.
बच्चे को तुरंत वापस नहीं किया जा सकता
बाल संरक्षण अधिकारी ने आगे बताया कि दंपति की मौजूदा हालत और नशे की गंभीर लत को देखते हुए बच्चे को फौरन उनके पास वापस भेजना ठीक नहीं होगा. बच्चे की सुरक्षा सबसे जरूरी है। अब यह फैसला करना बाकी है कि बच्चा गोद लेने वाले परिवार के पास ही रहे या सरकारी हिरासत में लिया जाए. यह अंतिम निर्णय बड़े अधिकारियों पर निर्भर करेगा. फिलहाल हमारे पास बच्चे की देखभाल के लिए कोई खास सुविधा या जगह नहीं है. पुलिस और बाल कल्याण विभाग मिलकर बच्चे के भविष्य का सबसे अच्छा रास्ता निकालेंगे.





