अमेरिका से 104 अवैध भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचा C-17 एयरक्राफ्ट, हाथ और पैर में लगी थी हथकड़ी
अमेरिका से 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिकी सेना का C-17 एयरक्राफ्ट आज अमृतसर के गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा. इस दौरान लाए गए लोगों के हाथ और पैर बंधे हुए थे. इन्हें 4 फरवरी की सुबह टेक्सास से रवाना किया गया था. इससे पहले, 205 भारतीयों के आने की रिपोर्ट सामने आई थी.;
अमेरिका से 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 बुधवार दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा. इस विमान को 4 फरवरी की सुबह 3 बजे टेक्सास के सैन एंटोनियो से रवाना किया गया था. विमान में सवार लोगों के हाथ-पैर बंधे हुए हैं. ये मुख्य रूप से पंजाब और आसपास के राज्यों से थे. इससे पहले, 205 अवैध भारतीय अप्रवासियों के आने की रिपोर्ट सामने आई थी.
104 अवैध अप्रवासियों में से 30 लोग पंजाब, 33 हरियाणा और गुजरात, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश, जबकि दो चंडीगढ़ से हैं.. इससे पहले, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मंगलवार को कहा था कि राज्य सरकार प्रवासियों की सहायता करेगी और इस प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए एयरपोर्ट पर काउंटर स्थापित करेगी.
मंत्री ने अमेरिकी सरकार के फैसले पर व्यक्त की निराशा
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिकी सरकार के उन्हें निर्वासित करने के फैसले पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों को स्थायी निवास दिया जाना चाहिए था. कई भारतीय वर्क परमिट पर अमेरिका में प्रवेश करते हैं, जो बाद में समाप्त हो जाता है, जिससे वे अवैध अप्रवासी बन जाते हैं.
विदेश मंत्री से मिलेंगे धालीवाल
धालीवाल ने कहा कि वे अमेरिका में रहने वाले पंजाबियों की चिंताओं पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलेंगे. इसके अलावा, उन्होंने पंजाब के लोगों से अवैध विदेश यात्रा से बचने का आग्रह किया. पिछले महीने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद से अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ़ अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है. कई पंजाबी, जो 'डंकी' या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका में घुसे थे, अब निर्वासन का सामना कर रहे हैं.
ट्रंप ने 20 जनवरी को कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर
ट्रम्प ने 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करते समय एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अमेरिकी सेना को सीमा की सुरक्षा में सहायता करने के लिए अधिकृत किया गया था. उस समय के कार्यवाहक रक्षा सचिव रॉबर्ट सेलेसेस ने एक बयान में कहा था कि रक्षा विभाग 5,000 से अधिक 'अवैध विदेशियों' के निर्वासन में होमलैंड सुरक्षा विभाग की सहायता के लिए सैन्य हवाई सेवा प्रदान करेगा.
सेल्सेस ने कहा था कि इन लोगों को दक्षिणी सीमा पर अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा हिरासत में लिया गया था. उन्होंने कहा कि विदेश विभाग द्वारा अपेक्षित राजनयिक मंजूरी प्राप्त करने और प्रत्येक देश को सूचना देने के बाद उड़ानें संचालित की जाएंगी. हालांकि, प्रशासन अवैध अप्रवासियों पर नकेल कसने के अपने प्रयासों के बारे में संदेश देने के लिए प्रतीकात्मक रूप से सैन्य विमानों का भी उपयोग कर रहा है.
'गंभीर परिणाम भुगतने होंगे'
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रवासियों को ले जा रहे सी-17 वायुसेना के विमान की तस्वीरें पोस्ट कीं और कैप्शन में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रम्प पूरी दुनिया को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि यदि आप अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करते हैं तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.