सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने... लॉरेंस और जग्गू कभी हुआ करते थे दोस्त, जानें कैसे बने दुश्मन?
पंजाब के बटाला में गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां की हत्या ने राज्य में गैंगवार के खतरे को फिर बढ़ा दिया है. बाइक सवारों ने कार पर हमला किया, जिसमें जग्गू के करीबी करणवीर और उनकी मां की मौत हो गई. पहले शक लॉरेंस गैंग पर गया, लेकिन जिम्मेदारी बंबीहा गैंग ने ली है. पंजाब में गैंग हिंसा का नया दौर शुरू हो चुका है.;
पंजाब एक अलग ही जंग झेल रहा है- गैंगस्टरों की जंग. बीते गुरुवार को बटाला में जो हुआ, उसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पंजाब में बंदूकें सिर्फ धमकी के लिए नहीं, निशाना साधने के लिए निकलती हैं. इस बार गोली चली तो शिकार बनी गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां. ये वही जग्गू है, जो कभी लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी हुआ करता था.
घटना की शुरुआत गुरुवार रात को हुई जब कुछ बाइक सवारों ने भगवानपुरिया गैंग की कार पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं. कहा जा रहा है कि टारगेट जग्गू का बेहद करीबी करणवीर सिंह था लेकिन, उसी गाड़ी में बैठी थी उसकी मां भी, जो गोलियों की बौछार में जान गंवा बैठीं. अब सवाल ये है कि टारगेट बदल गया या इरादा ही कुछ और था?
कौन है जग्गू भगवानपुरिया?
गुरदासपुर के भगवानपुर गांव में जन्मा जग्गू भगवानपुरिया कभी कबड्डी खिलाड़ी बनना चाहता था, लेकिन उसका रास्ता अपराध की दुनिया की ओर मुड़ गया. उसपर हत्या, लूट, रंगदारी जैसे 128 से ज्यादा केस दर्ज हैं. 2015 से जेल में बंद है और फिलहाल असम की जेल में रखा गया है. यही वो नाम है, जिसने पंजाब के ‘वसूली नेटवर्क’ में अपना वर्चस्व स्थापित किया.
दोस्ती से दुश्मनी तक: लॉरेंस और जग्गू का रिश्ता
जग्गू और लॉरेंस बिश्नोई एक वक्त पर गहरे दोस्त थे. दोनों का रिश्ता तब बिगड़ा जब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद लॉरेंस ने आरोप लगाया कि जग्गू ने दो शूटर्स की जानकारी पुलिस को दी थी. इनपुट्स की वजह से पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया और यहीं से दुश्मनी की शुरुआत हुई. लॉरेंस ने इसे ‘धोखा’ माना और जग्गू की जान का दुश्मन बन गया.
हत्या में बंबीहा गैंग की एंट्री
जग्गू की मां की हत्या के बाद सबकी निगाहें लॉरेंस गैंग पर थीं, मगर बंबीहा गैंग ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली. इस नए एंगल ने कहानी को और पेचीदा बना दिया. ये वही गैंग है, जिसने एक समय पर बिश्नोई गैंग को सीधी चुनौती दी थी और अब भगवानपुरिया गैंग को भी अपने निशाने पर ले लिया है.
कौन है बंबीहा गैंग और कैसे बना चुनौती का प्रतीक?
बंबीहा गैंग की नींव रखी थी दविंदर बंबीहा ने. एक ऐसा नौजवान जो 21 की उम्र में जेल से भागा और गैंग भी तैयार किया. 2016 में एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन उसका नेटवर्क तब तक पंजाब में खौफ बन चुका था. अब लकी पटियाल नाम का शार्प शूटर, जो आर्मेनिया से गैंग को चला रहा है, इस नेटवर्क को जिंदा रखे हुए है.
लॉरेंस बनाम बंबीहा: पंजाब की सड़कों पर चल रही साइलेंट जंग
पंजाब में आज दो ही गैंग सबसे ताकतवर माने जाते हैं- लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा. लॉरेंस का नेटवर्क पूरे भारत में फैला है, उसके पास 600 से ज्यादा शार्प शूटर हैं. वहीं बंबीहा गैंग के पास भी 300 से ज्यादा शूटर हैं और वो हर मौके पर बिश्नोई गैंग को चुनौती देता रहा है. दोनों के बीच की ये अदृश्य लड़ाई अब खून की होली में बदलती जा रही है.
पंजाब में फिर मंडरा रहा गैंगवार का खतरा?
जग्गू भगवानपुरिया की मां की मौत एक प्रतीक बन गई है. इस बात का कि जब अपराध की दुनिया में कोई ऊपर जाता है, तो उसके अपने सबसे पहले निशाने पर आते हैं. अब पुलिस के लिए चुनौती ये है कि इन गैंग्स को रोके, इससे पहले कि पंजाब एक बार फिर गैंगवार के दौर में डूब जाए. लेकिन सवाल ये भी है कि क्या सियासत इन गैंगों की ताकत बन चुकी है?