128 केस, इंटरनेशनल लिंक और सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोपी, जानें पंजाब के गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की क्राइम कुंडली
पंजाब के गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां की मौत हो चुकी है. दविंदर बंबीहा गैंग ने इस हत्या को अंजाम दिया है, जहां तीन बाइक सवार ने गाड़ी पर अंधाधुन फायरिंग की. जग्गू अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है. उस पर 128 केस मामले दर्ज हैं.

पंजाब की गैंगवार अब उस खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां निशाना सिर्फ दुश्मन का गुर्गा नहीं, उसका परिवार भी बन चुका है. पंजाब में अब खून से सना गैंग कल्चर केवल गलियों में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सरहदों तक फैल चुका है. इस अंडरवर्ल्ड के सबसे कुख्यात नामों में से एक जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया है. अब जग्गू की मां और रिश्तेदार को गोली मार मौत के घाट उतारा जा चुका है.
26 जून 2025 के दिन बटाला की एक सड़क पर एक स्कॉर्पियो में हरजीत कौर (जग्गू भगवानपुरिया की मां) और उसका करीबी रिश्तेदार करणवीर सिंह बैठे थे, लेकिन अचानक से तीन बाइक सवार हमलावरों ने गाड़ी को घेरकर गोलियों की बरसात शुरू कर दी. जहां गोली लगने के कारण करणवीर की मौके पर ही मौत हो गई और हरजीत कौर को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली.
दविंदर बंबीहा गैंग ने ली जिम्मेदारी
इस हमले के कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आई. जहां 'गोपी घनश्यामपुरिया' नाम के एक अकाउंट से दविंदर बंबीहा गैंग ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली और कहा कि उनका निशाना करणवीर सिंह था, क्योंकि वह भगवानपुरिया गिरोह के लिए काम करता था.
कौन है जग्गू भगवानपुरिया?
गुरदासपुर की गलियों से उठकर भारत के सबसे खतरनाक अपराधियों की सूची में शामिल हो चुके भगवानपुरिया पर हत्या, फिरौती, अवैध हथियारों की तस्करी और ड्रग कारोबार जैसे 128 से अधिक मामले दर्ज हैं.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोपी
2022 में वह अचानक सुर्खियों में आया, जब उसका नाम पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में सामने आया. तब से वह महज़ एक गैंगस्टर नहीं रहा. वह जाब में पनप रहे उस खूनी गैंगवार कल्चर का, जो अब परिवारों की दहलीज तक पहुंच चुका है.
सलाखों के पीछे भी जिंदा साम्राज्य
जग्गू भगवानपुरिया आज भले ही जेल की चारदीवारी में बंद हो, लेकिन उसका साम्राज्य सलाखों के पार भी चलता है. मार्च 2025 में NCB द्वारा दिए गए एक आधिकारिक बयान में यह खुलासा हुआ कि भगवानपुरिया के संबंध कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान तक फैले हुए हैं और उसने इन नेटवर्क्स के जरिए एक ऐसा क्रिमिनल इको-सिस्टम खड़ा किया है, जो सीमाओं की परवाह नहीं करता है.
इसी खतरे को देखते हुए उसे बठिंडा की उच्च सुरक्षा जेल से हटाकर असम की सिलचर जेल में डाल दिया गया, ताकि वह जेल के भीतर से भी आपराधिक गतिविधियों चला न कर सके.
पंजाब में बढ़ता गैंगस्टर कल्चर
हरजीत कौर की हत्या ने यह साफ कर दिया कि अब व्यक्तिगत बदले और गैंग-राजनीति में कोई फर्क नहीं रहा. यह सिर्फ आपसी वर्चस्व की लड़ाई नहीं, बल्कि एक आतंकी मानसिकता का विस्तार है, जो राज्य के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. गैंगवार के इन हालातों ने पंजाब को दहशत के एक ऐसे कुहासे में डाल दिया है, जहां आम नागरिकों की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है.