अमृतसर में बनाए जा रहे लैस ट्रॉमा सेंटर, सीएम मान ने मरीजों के बेहतर इलाज के लिए लिया फैसला
अमृतसर के अस्पताल में तकनीक से लैस ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है. पंजाब सरकार ने सड़क एक्सीडेंट और अन्य बीमारियों से गंभीर अवस्था वाले मरीजों के इलाज के लिए नई पहल शुरू की है. गुरु नानक देव अस्पताल में तकनीक से लैस ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है. इसका निर्माण करीब 59 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जा रहा है. इस सेंटर के जून 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.;
Punjab Government: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रदेश की जनता की भलाई के लिए लगातार नए-नए फैसले ले रहे हैं. इसी दिशा में सीएम मान स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं. अब अमृतसर के अस्पताल में तकनीक से लैस ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है.
पंजाब सरकार ने सड़क एक्सीडेंट और अन्य बीमारियों से गंभीर अवस्था वाले मरीजों के इलाज के लिए नई पहल शुरू की है. गुरु नानक देव अस्पताल में तकनीक से लैस ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है. इसका निर्माण करीब 59 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जा रहा है. इस सेंटर के जून 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
पहले से बेहतर होगी सुविधा
गुरु नानक देव अस्पताल में लैस ट्रॉमा सेंटर स्थापित होने से डॉक्टर बेहतर तरीके से मरीजों का इलाज कर पाएंगे. इस सेंटर में इमरजेंसी भी मौजूद रहेगी. इसके लिए इसे तीन लेयर में बांटकर मरीजों को अच्छी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. पहले इस अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर नहीं था. मरीजों को रोजाना ओपीडी में जहां 2000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. वहीं पर इमरजेंसी में करीब एक दर्जन मरीज भर्ती होते हैं. यहां पर आसपास के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग ट्रीटमेंट के लिए आते हैं.
ICU बैड की कमी
अस्पताल ओपीडी में इमरजेंसी में आने वाले लोगों का पहले इलाज किया जाता था, लेकिन बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया जाता था. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कई बार बैड न मिलने की वजह से मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब मेडिकल शिक्षा और खोज विभाग द्वारा सरकार मेडिकल कॉलेज के अधीन कैंसर इंस्टीट्यूट के पास ही ट्रॉमा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. यह सेंटर एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस होगा और इसमें 3 जोन बनाने की योजना है.
अलग-अलग जोन में रखें जाएंगे मरीज
ट्रॉमा सेंटर में सबसे गंभीर मरीजों को रेड जोन में रखा जाएगा. इस जोन में आधुनिक मशीनरी, न्यूरो सर्जन, ऑर्थो डॉक्टर, टैक्नीशियन और सहयोगी स्टाफ 24 घंटे मौजूद रहेंगे. येलो जोन और ब्लू जोन दोनों में घायल मरीज को एडमिट किया जाएगा. सेंटर में एक्स-रे, सिटी स्कैन, एमआरआई, आईसीयू, वेंटिलेटर ऑक्सीजन आदि सहित इमरजेंसी मशीनरी आदि से लैस होगा.