मस्कट भागने की बुक थी टिकट, पंजाब पुलिस को लगी भनक; राणा बालाचौरिया मर्डर केस में कैसे आरोपी तक पहुंची पुलिस

मुठभेड़ में मारा गया आरोपी तरन तारन का रहने वाला हरपिंदर सिंह था, जिसे लोग मिद्धी के नाम से जानते थे. वह हत्या वाले दिन यानी सोमवार को कबड्डी टूर्नामेंट में दोनों शूटर्स के साथ मौजूद था. हमलावरों ने राणा को सेल्फी लेने के बहाने अपने पास बुलाया और फिर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.;

( Image Source:  Instagram : ranabalachaur777 )
Edited By :  रूपाली राय
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पंजाब के मोहाली में कबड्डी प्रमोटर दिग्विजय सिंह, जिन्हें राणा बालाचौरिया के नाम से भी जाना जाता था, की हाल ही में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में एक मुख्य आरोपी को बुधवार दोपहर को चंडीगढ़ के पास डेराबस्सी क्षेत्र में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गोली मार दी. इस गोलीबारी में दो पुलिस वाले भी घायल हो गए. इनमें से एक पुलिसकर्मी की हालत काफी गंभीर है, जबकि दूसरे की जान बुलेटप्रूफ जैकेट ने बचा ली.

इस हत्या के पीछे कथित मास्टरमाइंड ऐशदीप सिंह को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. वह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर उस समय पकड़ा गया, जब वह मस्क़ट (ओमान) भागने की कोशिश कर रहा था. हत्या के दो मुख्य शूटर आदित्य कपूर (जिसे मक्खन भी कहते हैं) और करण पाठक (जिसे डिफॉल्टर करण कहते हैं) अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और फरार चल रहे हैं. 

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मस्क़ट भागने के फ़िराक में था आरोपी  

मुठभेड़ में मारा गया आरोपी तरन तारन का रहने वाला हरपिंदर सिंह था, जिसे लोग मिद्धी के नाम से जानते थे. वह हत्या वाले दिन यानी सोमवार को कबड्डी टूर्नामेंट में दोनों शूटर्स के साथ मौजूद था. हमलावरों ने राणा को सेल्फी लेने के बहाने अपने पास बुलाया और फिर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. मोहाली के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि मिद्धी तक पहुंचने का पहला सुराग अमृतसर ग्रामीण पुलिस की मदद से मिला. पुलिस ने पहले एक संदिग्ध व्यक्ति युगराज को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ के बाद आगे की जानकारी मिली.  युगराज की निशानदेही पर पुलिस ऐशदीप सिंह की तलाश में लग गई. पता चला कि ऐशदीप ने मस्कत जाने की फ्लाइट का टिकट बुक कर रखा था. मोहाली पुलिस ने मंगलवार रात को एयरपोर्ट पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया. ऐशदीप ने पूछताछ में मिद्धी के ठिकाने के बारे में पूरी जानकारी दे दी. 

जमकर हुई फायरिंग 

बुधवार सुबह डेराबस्सी के DSP बिक्रम बराड़ और SHO सुमित मोर की टीम ने चंडीगढ़ से करीब 30 किलोमीटर दूर अंबाला-लालरू हाईवे पर लेहली गांव में मिद्धी को घेर लिया. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो मिद्धी ने उन पर गोली चला दी. एसएसपी के अनुसार, पुलिस ने आरोपी को तीन तरफ से घेर रखा था, लेकिन उसने अपनी तुर्की में बनी जिगाना पिस्तौल से 8 से 10 राउंड गोलियां दागीं.  पुलिसवालों ने अपनी जान बचाने के लिए जवाबी फायरिंग की. इस मुठभेड़ में हेड कांस्टेबल कुमार शर्मा के पैर में गोली लगी, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई. दूसरे हेड कांस्टेबल गुलाब सिंह की छाती पर गोली लगी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट ने इसे रोक लिया. फिर भी गोली की तेज चोट से वह घायल हो गए. मिद्धी को भी गोली लगी एक उसके पैर में और दूसरी पेट में. तीनों घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान मिद्धी की मौत हो गई. दोनों पुलिसवालों का इलाज अभी जारी है. 

पुलिस ने अपने बयान में क्या कहा?

पुलिस के अनुसार, मिद्धी ने सिर्फ हत्या के दौरान शूटर्स का साथ नहीं दिया, बल्कि उन्हें रहने-खाने और आने-जाने जैसी सारी सुविधाएं भी मुहैया कराई थी. उसका प्लान ऐशदीप के साथ विदेश भागने का था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. एसएसपी हंस ने आगे बताया कि ऐशदीप सिंह गैंगस्टर डोनी बल और उसके गैंग के अन्य सदस्यों से सीधे संपर्क में था. इनमें इटली में रहने वाला जोधा और अमेरिका से काम करने वाला गुरलाल शामिल हैं. ऐशदीप पर तरनतारन और अमृतसर पुलिस के कई पुराने मामले भी दर्ज हैं. वह पहले रूस भाग गया था, लेकिन हत्या की योजना बनाने के लिए 25 नवंबर को भारत वापस आया. हत्या के बाद उसने 14 दिसंबर को मस्कट की फ्लाइट बुक की थी.  हत्या अगली शाम को ही कर दी गई, और वह दिल्ली भाग गया. लेकिन मोहाली पुलिस को उसकी योजना की जानकारी मिल गई, जिसके कारण एयरपोर्ट पर उसे पकड़ लिया गया. पुलिस अभी बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। यह मामला गैंगस्टरों की आपसी रंजिश से जुड़ा बताया जा रहा है. 

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