पंजाब में व्यापारियों को मिली सौगात! मान सरकार नई फैक्ट्री लगाने के लिए इन शर्तों में दी राहत
Punjab Government: पंजाब सरकार ने प्रदेश के व्यापारियों को बड़ी राहत दी है अब राज्य में नई उद्योग लगाना आसान हो जाएगा. चार की जगह तीन फैक्ट्री को स्टैंड अलोन उद्योग के रूप में चलाने की मंजूरी मिल जाएगी लेकिन वहां पर मौजूद रास्ते को रैवेन्यू रिकॉर्ड दर्ज करवाना होगा. नई फैक्ट्री लगने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.;
Punjab Government: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है. छोटे-छोटे व्यापारियों के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं. अब पंजाब सरकार ने उद्योगों को राहत देने के लिए बड़ा आदेश जारी किया है. जिसके तहत रैवेन्यू में 22 फिट सरकारी रास्ते की शर्त से कुछ राहत मिल सकती है.
जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार ने प्रदेश में कही भी उद्योग लगाने के लिए पहले शर्त रखी थी कि औद्योगिक जोन के तहत भी गैर एप्रूव्ड कॉलोनी में फैक्ट्री लगाने के लिए 22 फिट के सरकारी रास्ते की शर्त थी. अब इसमें बदलाव किया गया है. अब फैक्ट्री को स्टैंड अलोन उद्योग के रूप में चलाने की मंजूरी मिल जाएगी लेकिन वहां पर मौजूद रास्ते को रैवेन्यू रिकॉर्ड दर्ज करवाना होगा.
क्या हुआ बदलाव?
वर्ल्ड MSME फोरम के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने सीएम पहले इस संबंध में सीएम मान से अपील की थी. पहले 22 फुट सरकारी रास्ता नहीं लगता था तो फैक्ट्री लगाने के परमिशन नहीं मिलती थी. मान सरकार ने उनकी मांग को सुना और राहत दी. पहले लुधियाना और अन्य शहरों में इंडिस्ट्रियल जोन में उद्योगिक प्लाटों के साथ प्राइवेट सड़कें तो थी लेकिन सरकारी रास्ता नहीं था. जिंदल ने कहा था कि अब ये भी राहत है कि फैक्ट्री लगा सकते हैं.
जिंदल ने बताया कि अब अगर तीन तरफ से भी फायर ब्रिगेड गाड़ी निकलने का रास्ता होगा तो कंपनी की स्थापना कर सकते हैं. पहले चार साइड से जगह होनी जरूरी थी. सरकार ने कहा कि कई मामलों में आवेदन बिना सुनवाई के ही रद्द कर दिए जाते थे लेकिन अब डायरैक्टर ऑफ इंडस्ट्रीज विभाग को 3 बार ऑब्जेक्शन लगने के बाद संबंधित बिजनेसमैन को बुला कर उसे सारे जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जानकारी देनी होगी.
शिकायतों का जल्द समाधान
मान सरकार ने दिव्यांगजनों की शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं. इस संबंध में मंत्री बलजीत कौर ने बताया कि प्रदेश के दिव्यांगजनों को पेश आ रही है समस्याओं का उचित समाधान करने के लिए यह फैसला लिया गया है. सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, यूनिवर्सिटी और अन्य सरकारी संस्थानों में स्टाफ स्तर पर शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.