हम किस देश में रह रहे हैं? मध्य प्रदेश में गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिम युवकों की पिटाई, बेटे की मौत पर छलका पिता का दर्द

इससे यह साफ जाहिर होता है कि हमलावरों ने सिर्फ मारपीट ही नहीं की, बल्कि पूरे मामले को सोशल मीडिया पर दिखाने के लिए प्रमोट भी किया. हमले के बाद जब जुनैद और अरमान को विदिशा जिले के सांची पुलिस स्टेशन लाया गया, तो पुलिस को मामले की जानकारी दी गई.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 24 Oct 2025 2:13 PM IST

5 जून 2024 की रात, मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी जुनैद और अरमान एक दर्दनाक घटना का शिकार हो गए, जिसकी गूंज अब पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है. यह घटना तब हुई जब दोनों युवक विदिशा जिले के धनौरा गांव से मवेशी लेकर अपने वाहन से लौट रहे थे. आधी रात के करीब 2:30 बजे, उनकी गाड़ी को एक अन्य वाहन ने जबरन रोका और इसके बाद की घटनाएं न सिर्फ अमानवीय थीं, बल्कि कानून और व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाती हैं.

जैसे ही जुनैद और अरमान की गाड़ी को रोका गया, 10 से 15 लोगों का एक समूह उनके पास आ पहुंचा. बिना कुछ कहे, उन्होंने दोनों युवकों पर हमला बोल दिया। डंडों और घूंसे-लातों से पिटाई की गई और सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पूरी घटना को वीडियो में रिकॉर्ड भी किया गया. घायल अवस्था में जुनैद ने बाद में बताया कि वे लोग हमें पीटते जा रहे थे और साथ ही हमारा वीडियो भी बना रहे थे उग्र समूह का कहना था कि यह गाय रहे हैं इन्हें मार देना चाहिए. फिर हमें जबरन उन्हीं की गाड़ी में बैठाया गया और पिटाई करते-करते सांची थाने ले जाया गया.'

इलाज के दौरान तोड़ा दम

इससे यह साफ जाहिर होता है कि हमलावरों ने सिर्फ मारपीट ही नहीं की, बल्कि पूरे मामले को सोशल मीडिया पर दिखाने के लिए प्रमोट भी किया. हमले के बाद जब जुनैद और अरमान को विदिशा जिले के सांची पुलिस स्टेशन लाया गया, तो पुलिस को मामले की जानकारी दी गई. हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि एफआईआर 6 जून को, यानी घटना के एक दिन बाद दर्ज की गई. तब तक दोनों पीड़ित अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती थे. घटना में गंभीर रूप से घायल हुए जुनैद ने 17 जून को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. यह घटना तब और भी संवेदनशील हो गई जब सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए, जिनमें हमलावरों को पिटाई करते हुए देखा जा सकता है.

छलके पिता के आंसू पूछा बड़ा सवाल

वहीं अपने आंसू रोकते हुए जुनैद के दुखी पिता ने मीडिया से कहा, 'मेरा बेटा बेकसूर था, वह मजदूरी करता था. अगर वह गाय ले जा रहा था, तो भी इसकी ठीक से जांच क्यों नहीं की गई? भीड़ को उसे मारने का अधिकार किसने दिया? हम किस तरह का देश बन रहे हैं?. सिर्फ इतना ही नहीं गौ रक्षा के नाम पर पीटने वाले समूह ने जुनैद और उसके साथी से दो लाख भी लुटे. 

वायरल वीडियो की हो रही जांच

इन वीडियो में कथित तौर पर मुख्य आरोपी ध्रुव चतुर्वेदी को देखा गया, जिसने खुद ही वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया. अब यही वीडियो पुलिस जांच का अहम सबूत बन चुके हैं. डिविजनल पुलिस ऑफिसर (DPO) प्रतिभा शर्मा ने पुष्टि की है कि सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो की बारीकी से जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से भीड़ हिंसा और गंभीर अपराध का मामला है. अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कोई अंतिम पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस टीमें जांच और साक्ष्य इकट्ठा करने में जुटी हुई हैं. 

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