हवाला रकम की मिली खबर, फिर सिवनी में अफसर जीजा-साली ने रातोंरात लूटे 3 करोड़, SIT ने ऐसे किया भंडाफोड़
सिवनी में तीन करोड़ की हवाला रकम लूटकांड ने पुलिस सिस्टम के भीतर छुपे भ्रष्ट नेटवर्क का ऐसा चेहरा सामने ला दिया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. हवाला कारोबारियों से मिली गुप्त सूचना ने अफसर जीजा-साली की जोड़ी को रातोंरात लालच के जाल में ऐसा फंसाया कि उन्होंने पुलिस वर्दी और अधिकारों का इस्तेमाल कर इस पूरी लूट की साजिश रच डाली.;
सिवनी में करोड़ों की हवाला रकम लूटकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है, जहां पुलिस वर्दी में छुपा आपराधिक गठजोड़ धीरे-धीरे सामने आता जा रहा है. हवाला कारोबारियों से मिली गुप्त सूचना ने अफसर जीजा-साली की जोड़ी को लालच की ऐसी राह पर धकेला कि उन्होंने रातोंरात 3 करोड़ रुपये लूटने की साजिश रच डाली.
हवाला रकम के ट्रांजिट की खबर मिलते ही पूरा नेटवर्क एक्टिव हुआ और पुलिस अधिकारों का दुरुपयोग कर कारोबारी की कार रोककर कैश लूट लिया गया. मामले की शुरुआत एक साधारण शिकायत से हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे परतें खुलती गईं, यह पूरी साजिश प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस-हवाला नेक्सस में बदलती चली गई.
कैसे बुनी गई लूट की साजिश
जांच में सामने आया कि हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी को पहले ही पता चल गया था कि तीन करोड़ रुपये की बड़ी रकम सिवनी से होकर गुजरने वाली है. इस गोपनीय सूचना को उसने सबसे पहले जबलपुर क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक प्रमोद सोनी तक पहुंचाया. प्रमोद ने यह खबर आगे डीएसपी पंकज मिश्रा को दी और फिर यह जानकारी सीएसपी पूजा पांडे तक जा पहुंची. इसी सूचना ने मानो लालच की आग को हवा दे दी और वर्दी में छिपे अपराधी इरादे बाहर आने लगे. देखते ही देखते योजना बनी कि रातोंरात हवाला के इस कैश पर कब्जा कर लिया जाए और पूरी साजिश को अंजाम देने की तैयारी शुरू हो गई.
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सीएसपी के जीजा भी शामिल
पूजा पांडे के जीजा वीरेंद्र दीक्षित भी इस खेल का हिस्सा बन गए. हवाला कारोबारियों से उनका संपर्क बढ़ा, और उन्हें रकम ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन योजना की डोर इतने हाथों में उलझी कि रहस्य बच नहीं सका. कुछ ही दिनों में पूरी साजिश सामने आ गई.
एसआईटी ने ऐसे किया भंडाफोड़
गोपनीय सूचनाओं के आधार पर जब एसआईटी एक्टिव हुई, तो एक-एक कर नाम बेनकाब होते गए. सबसे पहले पूजा पांडे और 11 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया. अब चार और गिरफ्तारी ने जांच को नया मोड़ दे दिया. सभी को न्यायालय में पेश कर दो दिन की पुलिस रिमांड दी गई है. सूत्रों के मुताबिक अभी और गिरफ्तारियां होना बाकी है.
सरकार की सख्ती
राज्य सरकार ने एसडीओपी पांडे समेत सभी आरोपियों पर डकैती, अपहरण और साजिश की धाराओं में केस दर्ज कराया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कहा कि कानून सबके लिए बराबर है. अब तक 2 करोड़ 65 लाख रुपये बरामद हो चुके हैं, जबकि लगभग 25 लाख का कोई पता नहीं. यही रकम अब एसआईटी के लिए रहस्य बन गई है.