MP News: तीन नाबालिग बच्चों की बेरहमी से पिटाई कर लगवाए 'जय श्री राम के नारे', FIR दर्ज

रतलाम जिले में एक घटना ने पूरे समाज को झकझोर दिया है. पुलिस ने दो किशोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. किशोरों पर तीन मुस्लिम बच्चों को थप्पड़ मारने और "जय श्री राम" का नारा लगाने के लिए मजबूर करने का आरोप है.;

( Image Source:  social media )
Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 7 Dec 2024 8:40 AM IST

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक घटना ने पूरे समाज को झकझोर दिया है. पुलिस ने दो किशोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन पर तीन मुस्लिम बच्चों को थप्पड़ मारने और "जय श्री राम" का नारा लगाने के लिए मजबूर करने का आरोप है. यह घटना न केवल कानूनी पहलुओं को सामने लाती है बल्कि धर्म और बचपन की मासूमियत को पेश करती है.

यह घटना करीब एक महीने पुरानी बताई जा रही है. मामला तब प्रकाश में आया जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पीड़ित बच्चों की उम्र 13, 11 और 6 साल है. उनके परिवार ने वीडियो देखने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.  

अधिकारियों का बयान

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा ने कहा, "हमने 15 और 16 वर्ष के दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है." पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है-

धारा 296: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला.

धारा 351(2): चोट पहुंचाने की मंशा.

धारा 115(2): आपराधिक धमकी.

धारा 3(5): धार्मिक आधार पर वैमनस्य बढ़ाने का आरोप.

वीडियो की सच्चाई पर सवाल

हालांकि वीडियो में देखा गया कि आरोपी बच्चों को बार-बार थप्पड़ मारते हुए "जय श्री राम" का नारा लगवाने पर जोर दे रहे थे, लेकिन आरोपियों ने इस बयान को नकार दिया. उन्होंने पुलिस को बताया कि बच्चों ने सिगरेट जलाने के लिए लाइटर मांगा था, और उन्हें सबक सिखाने के लिए थप्पड़ मारे गए. आरोपियों का कहना है कि "जय श्री राम" का नारा बच्चों ने खुद ही लगाया.

वीडियो में देखा जा सकता है जब मासूम को मारा जा रहा था तो उनमें से एक ने अल्लाह कहा- तो आरोपियों ने फिर मारा और कह- क्या बोला...उसके बाद मासूमों ने फिर से "जय श्री राम" के नारे लगाए और कहा भगवान. 

सामाजिक कार्यकर्ता इमरान खान ने घटना को "बेहद विचलित करने वाली" बताया. उन्होंने कहा कि सबसे छोटा बच्चा अनाथ है और अपने दादा-दादी के साथ रहता है.

पीड़ित परिवार

13 वर्षीय लड़के के चाचा ने कहा, "बच्चे घटना के बाद से गहरे अवसाद में हैं. वे हमसे कुछ भी शेयर नहीं करते. हमें सब कुछ वायरल वीडियो से पता चला." पुलिस की शुरुआती जांच में यह पाया गया कि आरोपित किशोरों ने पीड़ित बच्चों को धूम्रपान से रोका था. इसके बाद हालात हिंसा में बदल गए. यह साफ है कि घटना का स्वरूप सामाजिक तनाव को बढ़ावा देता है, लेकिन इसे केवल कानूनी दृष्टिकोण से नहीं देखा जा सकता.

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