अब और छीछालेदर के मूड में नहीं मोहन सरकार! कतर दिए गए बदजुबान मंत्री विजय शाह के पर
विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था. जिस पर बाद में उन्होंने कहा था कि वह कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस माफी को स्वीकार नहीं किया और मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश दिए और अब वह कैबिनेट की मीटिंग में भी नजर नहीं आए.;
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चारों तरफ कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम गूंज रहा था, लेकिन एमपी के मंत्री विजय शाह ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दायर हुआ. साथ ही, कोर्ट ने भी उन्हें जमकर फटकार लगाई, लेकिन अब बात ज्यादा बढ़ चुकी है, क्योंकि 20 मई के दिन इंदौर में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में ऐतिहासिक राजवाड़ा पैलेस में राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक हुई.
यह अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम का हिस्सा था, लेकिन इस मीटिंग में जनजातीय मामलों के मंत्री कुंवर विजय शाह शामिल नहीं हुए थे.
विवाद के बाद से नहीं दिखे सार्वजनिक मंच पर
कुंवर विजय शाह पर कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से वे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए हैं. 12 मई को सामने आए इस विवादास्पद बयान के बाद से उन्होंने मीडिया कॉल्स का भी जवाब नहीं दिया है.
एसआईटी करेगी मामले की जांच
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने शाह की ओर से मांगी गई माफी को खारिज करते हुए इसे नतीजों से बचने का तरीका बताया है. साथ ही, यह आदेश दिया कि वह उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाई जाए. राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने उसी रात एसआईटी टीम बनाई, जिसे सागर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा लीड करेंगे. टीम में आईजी कल्याण चक्रवर्ती और एसपी वाहिनी सिंह भी शामिल हैं.
लो प्रोफाइल रहने का निर्देश
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि 'अगर यह मामला और बढ़ता है तो मंत्री को अपने विभाग भी गंवाने पड़ सकते हैं. उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से फिलहाल लो प्रोफाइल रहने को कहा गया है. अगर वे कैबिनेट बैठक में शामिल होते, तो अनावश्यक ध्यान उनकी ओर जाता जो कि अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर पार्टी नहीं चाहती.'