UN ने रोका, वरना पाकिस्तान का नामो-निशान मिटा देते... BJP विधायक का विवादित बयान, कांग्रेस ने कहा- मोदी तो कुछ और कहते हैं
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने एक तिरंगा यात्रा के दौरान दिए गए बयान में कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र (UN) से भारत को सीजफायर का आदेश नहीं मिला होता, तो पाकिस्तान का सफाया कर दिया गया होता. उनके इस बयान से राजनीतिक हलकों में विवाद उत्पन्न हो गया है. विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत किसी के दबाव में निर्णय नहीं लेता.

BJP MLA Narendra Prajapati UN ceasefire statement: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति एक विवादित बयान देकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने एक तिरंगा यात्रा के दौरान कहा, “अगर संयुक्त राष्ट्र (UN) का सीजफायर आदेश नहीं आया होता, तो पाकिस्तान अब तक खत्म हो गया होता. मोदी जी के नेतृत्व में जो कार्यक्रम चल रहा था, पाकिस्तान समाप्त कर दिया जाता.”
हालांकि, बाद में नरेंद्र प्रजापति ने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स यानी अमेरिका की जगह उन्होंने युनाइटेड नेशन कहा. फिलहाल, उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में घमासान मच गया है. विपक्ष ने इस टिप्पणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर सीधा हमला बताया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह बयान उस दावे के विपरीत है जिसमें प्रधानमंत्री बार-बार कहते हैं कि भारत किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में निर्णय नहीं लेता.
विजय शाह ने कर्नल सोफिया को बताया 'आतंकवादी की बहन'
नरेंद्र प्रजापति से पहले मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह भी विवादों में घिरे थे. उन्होंने भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहकर संबोधित किया था. यह बयान न केवल सेना के अपमान जैसा था, बल्कि महिला अधिकारियों की गरिमा पर भी सवाल खड़ा करता है. इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक तीखी प्रतिक्रियाएं आईं.
जगदीश देवड़ा ने कहा- मोदी के आगे नतमस्तक है सेना
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने हाल ही में जबलपुर में एक सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दिए गए अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा था, "पूरा देश, देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं." इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे भारतीय सेना की गरिमा और स्वतंत्रता का अपमान बताया. कांग्रेस ने इसे 'शर्मनाक' करार देते हुए देवड़ा से माफी की मांग की और उन्हें पद से हटाने की भी मांग की.
देवड़ा ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आशय था कि "देश की जनता सेना के चरणों में नतमस्तक है," और उन्होंने सेना के पराक्रम की सराहना की थी, न कि प्रधानमंत्री मोदी की.
तीनों बयानों से भाजपा की छवि पर असर
तीनों नेताओं के बयानों ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की छवि को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. जब केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की उदार, प्रगतिशील और दृढ़ नेतृत्व वाली छवि को पेश करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में इस तरह के बयान पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं.
विपक्षी दलों का हमला
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इन बयानों को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है. उनका कहना है कि भाजपा जानबूझकर समाज में ध्रुवीकरण और राष्ट्रवाद की अतिवादी परिभाषा को आगे बढ़ा रही है, जिससे चुनावी लाभ लिया जा सके.