'पेन अटका तो बदल दिया नाम', कांग्रेस बोली - मौलाना से है दिक्कत, सोच-समझकर बोलें सीएम
डॉ. मोहन यादव उज्जैन जिले के बड़नगर में एक स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदलने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि गजनीखेड़ी पंचायत का नाम अब 'चामुंडा माता नगरी' होगा, जबकि मौलाना का नाम बदलकर 'विक्रम नगर' और जहांगीरपुर का नाम बदलकर 'जगदीशपुर' रखा जाएगा.;
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन जिले की तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदलने का ऐलान किया है. यह जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि उज्जैन डॉ. मोहन यादव का गृह जिला है और वे यहां की उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक भी हैं. इस फैसले को हिंदुत्व के एजेंडे पर मुख्यमंत्री के मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल, रविवार को डॉ. मोहन यादव उज्जैन जिले के बड़नगर में एक स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदलने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि गजनीखेड़ी पंचायत का नाम अब 'चामुंडा माता नगरी' होगा, जबकि मौलाना का नाम बदलकर 'विक्रम नगर' और जहांगीरपुर का नाम बदलकर 'जगदीशपुर' रखा जाएगा.
सीएम को मौलानाओं से है दिक्कत: कांग्रेस नेता
अब इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को सोच-समझकर बोलना चाहिए. मुख्यमंत्री को मौलानाओं से इसलिए समस्या है, क्योंकि आज़ादी की लड़ाई में मौलानाओं का अहम योगदान था, जबकि उनके संगठन के लोग उस संघर्ष में कहीं दिखाई नहीं दिए. इसीलिए उन्हें मौलानाओं से नफरत है. आरएसएस पर रोक लगाने का काम मौलानाओं और अंबेडकर ने किया था, इसलिए भी मुख्यमंत्री को मौलानाओं से दिक्कत है.
मौलाना गांव का नाम बदलने की क्या है वजह?
मौलाना गांव का नाम बदलने के पीछे की वजह बताते हुए सीएम ने कहा कि बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर में जो इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट हो रहा है, वह मौलाना में ही देखने को मिलता है. यहां पर अपने उद्यमशीलता के चलते पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में जो मशीनें नहीं मिलतीं, वे यहां मिलती हैं. मौलाना गांव में जो आनंद है वह अद्वितीय है, लेकिन जब नाम लिखा जाता है तो पेन अटक जाता है. मैं विक्रमादित्य की नगरी से हूं तो मैंने सोचा क्यों न इसका नाम विक्रम नगर रखा जाए.
शिवराज ने भी बदले थे तीन नाम
फरवरी 2023 में उस समय के मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के पास स्थित इस्लामनगर का नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया था. इसके बाद, सीहोर जिले के नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भेरूंदा कर दिया गया था. शिवराज के शासनकाल में ही भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन रखा गया था.