रेप के आरोप में नेता के घर पर चला था बुल्डोजर, चार साल बाद हुआ बरी, अब कौन देगा छत?

रेप के आरोप में राजगढ़ के पूर्व पार्षद का घर ढहा दिया गया था. अब इस मामले में 4 साल बाद कोर्ट ने शफीक अंसारी को बरी कर दिया है, लेकिन मुद्दा यह है कि अब नेता को छत कौन देगा? अब इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाएगा.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 5 Nov 2025 6:34 PM IST

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की अदालत ने एक पूर्व वार्ड पार्षद को बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया. दरअसल अतिक्रमण के कारण महिला के घर को ध्वस्त कर दिया था. इसके चलते  शफीक अंसारी पर साल 2021 में महिला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 4 फरवरी, 2021 को उसके बेटे की शादी में मदद के बहाने उसे अपने घर बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया. इसके चलते शफीक अंसारी को 3 महीने की जेल हुई थी.

अब इस मामले में 14 फरवरी को फैसला आया. राजगढ़ जिले के फर्स्ट एडिशनल सेशन जस्टिस चित्रेंद्र सिंह सोलंकी ने महिला और उसके पति की गवाही में काफी गड़बड़ी पाई. अदालत ने पाया कि हालांकि उसके घर के पास एक पुलिस स्टेशन है, जिसे गिरा दिया गया था, लेकिन उसने कथित बलात्कार की तुरंत रिपोर्ट नहीं की.

नहीं मिले बलात्कार के सबूत

अदालत ने कहा कि अपने बेटे की शादी के 15 दिनों तक उसने न तो अपने पति या अपने किसी बेटे को कथित अपराध के बारे में बताया और न ही इस देरी का कोई कारण बताया गया. साथ ही, आदेश में कहा गया कि शिकायतकर्ता के सैंपल में कोई ह्यूमन स्पर्म नहीं पाया गया, जिससे क्लिनिकली और साइंटिफिकली बलात्कार का पता चले.

शफीक के पास नहीं है घर

शफीक अंसारी के पास अब घर नहीं है. इस शिकायत से 10 दिन से भी कम समय बाद प्रशासन ने उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया. शुक्रवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए शफीक ने कहा कि' मैंने अपनी मेहनत की कमाई से 4,000 वर्ग फीट जमीन पर घर बनाया था. अब केवल मलबा बचा है. हम अपने भाई के घर में रह रहे हैं. हमारे पास सभी कागजात थे. आरोप है कि घर बिना अनुमति के बनाया गया था, लेकिन हमें रिकॉर्ड दिखाने या कुछ भी कहने का मौका नहीं दिया गया. इसे बस तोड़ दिया गया. मेरा सात लोगों का परिवार है.

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