करोड़पति कांस्टेबल; केवल 7 साल की नौकरी में इतनी संपत्ती, छापेमारी में नकदी के अलावा लाखों के गहने बरामद

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पूर्व कांस्टेबल के घर छापेमारी हुई. छापेमारी में कुल दो करोड़ 85 लाख रुपये नकद प्राप्त हुए है. सौरभ शर्मा के महंगे शौक और अचानक बढ़ी संपत्ति को लेकर विभाग में पहले भी बहुत सी शिकायतें की जा चुकी थीं. इसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और बिजनेस करने का सोचा.;

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भोपाल में लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर और कार्यालय पर छापा मारा. सौरभ शर्मा के घर से एक करोड़ 15 लाख रुपये और उनके कार्यालय से एक करोड़ 70 लाख रुपये बरामद किए गए, जिससे कुल दो करोड़ 85 लाख रुपये नकद प्राप्त हुए. यह कार्रवाई कुछ महीने पहले सौरभ की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के बाद की गई. इसके अतिरिक्त, पुलिस को उनके पास दो करोड़ रुपये की संपत्ति और 50 लाख रुपये की ज्वेलरी भी मिली है, जिसमें हीरे, सोने और चांदी के आभूषण शामिल हैं.

महज सात साल की नौकरी में इतनी रकम

सौरभ शर्मा ने महज सात साल की नौकरी के बाद दो साल पहले आरटीओ में आरक्षक पद से वालेंटरी रिटायरमेंट (वीआरएस) ले ली थी. इस दौरान उन्होंने रीयल एस्टेट का कारोबार शुरू किया और प्रदेश के प्रभावशाली लोगों से करीबी रिश्ते बना लिए, जिससे उनका कारोबार तेजी से बढ़ा. पुलिस को शक है कि सौरभ ने अपनी सात साल की सेवा के दौरान ही अवैध संपत्ति जुटाई थी.

लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई एक पूर्व शिकायत के आधार पर की है. सौरभ शर्मा पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और अब इस मामले की जांच की जा रही है.

सौरभ शर्मा का रीयल एस्टेट कारोबार

लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सौरभ ने वालेंटरी रिटायरमेंट लेने से पहले ही रीयल एस्टेट के कारोबार में कदम रख लिया था. भोपाल के अलावा, अन्य जिलों में भी उनके पास संपत्तियों की जानकारी मिली है. कुछ समय पहले अरेरा कॉलोनी में ही उनके एक स्कूल के निर्माण को लेकर विवाद हुआ था. यह स्कूल कथित तौर पर बगीचे के लिए आरक्षित जमीन पर बना था, जिस पर स्थानीय लोगों से विरोध भी सामने आया था.

पुलिस की जांच

सौरभ शर्मा के महंगे शौक और अचानक बढ़ी संपत्ति को लेकर विभाग में पहले भी कई शिकायतें की जा चुकी थीं. इसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से व्यवसाय में उतरने का फैसला किया. पुलिस को यह शक है कि उन्होंने परिवहन विभाग में अपनी सेवा के दौरान अपनी संपत्ति में वृद्धि की है. अब इस मामले की जांच चल रही है, और यह साफ किया जाएगा कि इतने कम समय में इतनी संपत्ति कैसे जुटाई गई.

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