मुर्शिदाबाद में बेहद खराब हालात, एंबुलेंस में सवार होकर झारखंड पहुंचा हिन्दू परिवार, सुनाई आपबीती

Jharkhand News: मुर्शिदाबाद के जाफराबाद स्थित गांव में सांप्रदायिक हिंसा से माहौैल काफी खराब है. हर ओर टेंशन और डर देखने को मिल रहा है. इस हिंसा में पिता और बेटे की हत्या कर दी गई थी. अब उनका परिवार अपनी जान बचाने के लिए एंबुलेंस में सवार होकर झारखंड के राजमहल पहुंचे गए. एंबुलेंस में बैठकर 12 परिवार के सदस्यों के साथ आना पड़ा.;

( Image Source:  ani )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 15 April 2025 10:24 AM IST

Jharkhand News: पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर कई दिनों से हिंसा भड़की हुई है. राज्य के कई इलाकों में पत्थरबाजी और आगजनी की गई. मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. सोशल मीडिया पर हिंसा के बहुत से वीडियो सामने आए हैं. सबसे ज्यादा खराब स्थिति मुर्शिदाबाद जिले की है. अब हिंसा और जान बचाने को हिन्दू पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

जानकारी के अनुसार, मुर्शिदाबाद के जाफराबाद स्थित गांव के करीब 170 हिन्दू परिवार अपना घर छोड़कर कहीं और रहने चले गए. उन्हें डर है कि हिंसा में उनकी जान न चली जाए. इसमें से कई परिवार ने झारखंड के राजमहल में शरण ली है. उनकी आंखें नम हैं और घर छोड़ने का दर्द साफ-साफ दिखाई दे रहा है.

मुर्शिदाबाद से झारखंड पहुंचे पीड़ित हिन्दू

मुर्शिदाबाद से जान बचाकर राजमहल पहुंचे परिवार ने अपनी आपबीती सुनाई है. हृदय दास ने कहा, हम लोगों का यहां पहुंचना बहुत मुश्किल था. रास्ते में कई समस्याओं का सामना करते हुए हम आ पाए हैं. दास ने बताया कि 84 साल की बुजुर्ग मां का इलाज का बहाना करके हमें एंबुलेंस में बैठकर 12 परिवार के सदस्यों के साथ आना पड़ा. अभी वह रिश्तेदार के घर पर ठहरे हुए हैं, आगे क्या होगा कैसे होगा हम कुछ नहीं जानते. उस समय बस जान बचाना ही सही लगा.

नमाज के बाद हुआ था विवाद

दास ने बताया कि पिछले सप्ताह जुम्मे की नमाज हुई. इस दौरान अचानक दंगा भड़का. फिर अगले दिन शनिवार को करीब 11 बजे बम और हथियार के साथ नकाब पहने 50-60 लोगों ने हमला करना शुरू कर दिया. इसके बाद सभी डर जान बचाने के लिए कोई छत तो कई घर में छुपने लगा. चारों ओर खौफनाक मंजर था. हमले के चार घंटे बाद पुलिस पहुंची.

दास ने कहा, पुलिस के पहुंचने से पहले हमारे भाई हरगोविंद दास और भतीजा चंदन दास की हत्या कर दी गई थी. उन्हें दंगाई घर से घसीटकर बाहर लेकर गए और पीट-पीटकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के बाद दहशत फैल गई और हम एंबुलेंस में सवार होकर राजमहल तक पहुंचे. एक-एक करके जाफराबाद गांव धीरे-धीरे खाली हो रहा है. उनका कहना है कि बंगाल की पुलिस पर से हमारा भरोसा उठ गया है.

महिला की सुरक्षा पर संकट

हिंसा ने दंगाईयों को देखते हुए लोग महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता में हैं. राजमहल अपने एक रिश्तेदार पहुंची पापिया विश्वास ने बताया कि शुक्रवार की रात से मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं. हिंसा से डरकर उसके पति मिथुन और घर के बाकी पुरुषों ने विचार किया कि पहले घर की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित रिश्तेदारों के घर भेज देते हैं, तब वे लोग वहां से निकलेंगे. शनिवार को तीन महिलाओं अपने बच्चों के साथ स्कार्पियो से पहले फरक्का गईं और वहां से राजमहल पहुंचीं.

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