रांची के गर्ल्स हॉस्टल में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, कोलकाता से सप्लाई होती हैं लड़कियां, ऐसे चलता है पूरा गोरखधंधा

राजधानी रांची में जहां लड़कियां सुरक्षित माहौल में पढ़ाई करने आती हैं, वहां से एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई. ओम गर्ल्स हॉस्टल के अंदर वो धंधा चल रहा था, जिसके बारे में सोचना भी डराता है. पढ़ाई के नाम पर चल रहे इस हॉस्टल में देह व्यापार का अड्डा पनप रहा था. पुलिस की छापेमारी ने न सिर्फ इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया, बल्कि उस नेटवर्क का भी खुलासा किया जो दूर कोलकाता तक फैला हुआ था.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 9 Sept 2025 3:32 PM IST

राजधानी रांची के लालपुर इलाके में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ओम गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे सेक्स रैकेट का पर्दाफाश पुलिस ने किया, जिसमें कोलकाता और झारखंड की लड़कियों को ग्राहकों तक पहुंचाने का मामला सामने आया है. हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर यह धंधा चल रहा था. पुलिस ने छापेमारी के दौरान कई लड़कियों को पकड़ा और उनके मोबाइल फोन से ग्राहक और देह व्यापार से जुड़ी जानकारी भी बरामद की.

इस मामले में पुलिस ने कुल 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जांच के बाद 13 आरोपियों को जेल भेज दिया है. रांची पुलिस के अनुसार रैकेट का नेटवर्क बड़े पैमाने पर फैला हुआ था, जिसमें होटल मैनेजर, दलाल और लॉज संचालक शामिल थे.

गर्ल्स हॉस्टल में चल रहा था धंधा

पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि ओम गर्ल्स हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं. जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पहले और दूसरे तल्ले पर पढ़ाई करने वाली छात्राएं तो सामान्य दिखीं, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर हालात कुछ और ही थे. यहां मौजूद लड़कियां पुलिस को देखते ही घबराकर दरवाजा बंद कर भागने की कोशिश करने लगीं. लेकिन बड़ी संख्या में तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया. इनमें से कई लड़कियां पश्चिम बंगाल की थीं, कुछ झारखंड और कुछ ओडिशा से आई थीं. उनके मोबाइल फोन चेक करने पर ग्राहकों के नाम और देह व्यापार की डील से जुड़ी जानकारी स्क्रीनशॉट्स में मिली.

कोलकाता से सप्लाई होती हैं लड़कियां

थाना प्रभारी ने बताया कि इस रैकेट के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था. कोलकाता का सुमोन दा वहां से लड़कियों की सप्लाई करता था. फिर इन्हें रांची लाकर होटल सनराइज के मैनेजर रंजीत, मुनीर, रवि और राहुल जैसे दलालों के जरिए कस्टमर तक पहुंचाया जाता था. लॉज का संचालक राज कुमार सिंह इसमें अहम भूमिका निभाता था. वह ग्राउंड फ्लोर पर इन लड़कियों को ठहराता और बदले में दिनभर का 400 रुपये किराया लेता. चालाकी यह थी कि ऊपर के फ्लोर पर छात्राएं रहती थीं, ताकि पुलिस को शक न हो.

केस दर्ज और जेल भेजे गए आरोपी

छापेमारी के बाद पुलिस ने 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इनमें से 13 को जेल भेज दिया गया, जबकि कुछ दलाल और लॉज संचालक अब भी फरार हैं. पुलिस की कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि मामला महज लोकल नहीं बल्कि इंटर-स्टेट स्तर का है.

छात्राओं के बीच छुपा अड्डा

इस पूरे मामले की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि देह व्यापार का धंधा उसी लॉज में चल रहा था, जहां छात्राएं भी रहती थीं. पढ़ाई और सुरक्षित माहौल के नाम पर बना हॉस्टल दरअसल उन लड़कियों के लिए परदा बन गया, जिन्हें इस धंधे में धकेला जा रहा था.

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