बबिता और नेहा ने दी गाली लिखने की सजा! धनबाद के स्कूल का अजब वाकया, बच्चे की कॉपी देख घर वालों का सिर चकराया
स्कूल की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि जैसे ही शिकायत मिली, उन्होंने तुरंत स्कूल प्रबंधन समिति की आपात बैठक बुलाई. बैठक में पता चला कि कुछ बच्चे आपस में अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे. इस पर टीचर्स ने उन्हें अनुशासन सिखाने के नाम पर यह सजा दी.;
झारखंड के धनबाद जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. यह मामला धनबाद के हिल कॉलोनी इलाके में स्थित सेंट मेरी स्कूल से जुड़ा है, जहां कक्षा 4 में पढ़ने वाले एक छोटे बच्चे को ऐसी शर्मनाक सजा दी गई जिसे जानकर किसी का भी दिल दहल जाए. आरोप है कि स्कूल की एक टीचर ने बच्चे को 10 पेज गालियां लिखने की सजा दी.
वजह यह बताई जा रही है कि कुछ बच्चे आपस में गाली-गलौज कर रहे थे. ऐसे में एक महिला टीचर ने उन्हें दंड देने के नाम पर, गालियां कॉपी में लिखवाना शुरू कर दिया. जब बच्चा घर पहुंचा और उसकी कॉपी मां ने देखी, तो वह सन्न रह गईं. कॉपी में पन्ने दर पन्ने गालियां लिखी हुई थी. मां के लिए यह देखना बेहद पीड़ादायक और शर्मनाक था.
स्कूल पहुंची मां, बंद मिला गेट पर
यह सीन देखकर मां बहुत आहत हो गईं और तुरंत स्कूल पहुंचीं, लेकिन उस समय स्कूल बंद हो चुका था. ऐसे में वह स्कूल के गेट के पास ही रोने लगी. वहां आसपास मौजूद लोग, जिनमें मजार कमेटी के सदस्य भी शामिल थे, पास आए और उन्होंने मां से बात की. इसके बाद इस मामले की जानकारी स्कूल प्रिंसिपल को दी गई. जब स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला, तो महिला अपने बच्चे को लेकर बाल संरक्षण पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचीं और वहां इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज करवाई. बाल संरक्षण विभाग की ओर से महिला को इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.
स्कूल प्रबंधन की सफाई और कार्रवाई
स्कूल की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि जैसे ही शिकायत मिली, उन्होंने तुरंत स्कूल प्रबंधन समिति की आपात बैठक बुलाई. बैठक में पता चला कि कुछ बच्चे आपस में अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे. इस पर टीचर्स ने उन्हें अनुशासन सिखाने के नाम पर यह सजा दी. लेकिन यह सजा बिल्कुल भी उचित नहीं थी, और इसके लिए स्कूल प्रशासन ने जिम्मेदार टीचर्स नेहा और बबिता को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. यह पूरी घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है क्या बच्चों को अनुशासन सिखाने के नाम पर इस तरह मानसिक उत्पीड़न किया जाना सही है?क्या एक टीचर का यह कर्तव्य नहीं कि वह सही तरीके से बच्चे को समझाए, न कि उसे और अधिक गलत शब्दों से परिचित कराए?