बसने से पहले उजड़ गया संसार, पहलगाम आतंकी हमले में नेवी ऑफिसर की मौत, 7 दिन पहले हुई थी शादी
हरियाणा के करनाल के रहने वाले लेप्टिनेंट विनय नरवाल कोच्चि में तैनात थे. 16 अप्रैल को शादी हुई और फिर कुछ दिनों की छुट्टी पर कश्मीर आ गए थे और आतंकवादियों का शिकार हो गए. पत्नी हिमांशी का रोते एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कर रही हैं कि हम बस भेलपुरी खा रहे थे. उसने मेरे पति से उनका धर्म पूछा और फिर गोली मार दी.;
Pahalgam Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को बड़ा आंतकी हमला हुआ. इसमें करीब 28 लोग मारे गए और बहुत से लोग घालय हो गए. यह अटैक बाइसारन घाटी में हुआ, जिसके वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो रहे हैं. आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, उनका धर्म पूछ कर मार डाला. वीडियो में लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज आ रही है. हनीमून मनाने गए कपल भी इसका शिकार हो गए.
आतंकी हमले में हरियाणा के करनाल निवासी 26 साल के इंडियन नेवी ऑफिसर लेप्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए. 7 दिन पहले यानी 16अप्रैल को उनकी शादी हुई तो और वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम गए थे. उनका परिवार शोक में डूबा हुआ है और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. किसको पता था उनका संसार बसने से पहले ही उजड़ जाएगा.
हनीमून पर गए थे ऑफिसर
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि लेप्टिनेंट विनय नरवाल कोच्चि में तैनात थे. 16 अप्रैल को शादी हुई और फिर कुछ दिनों की छुट्टी पर कश्मीर आ गए थे और आतंकवादियों का शिकार हो गए. दो साल पहले ही उन्होंने भारतीय नौसेना में सेवा शुरू की थी. उनकी मृत्यु के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य वाले होनहार अधिकारी के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
पत्नी का बयान
विनय नारवाल की पत्नी हिमांशी का रोते एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कर रही हैं कि हम बस भेलपुरी खा रहे थे. उसने मेरे पति से उनका धर्म पूछा और फिर गोली मार दी. हमलावरों ने स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर विनय को निशाना बनाया. वीडियो देख लोग आक्रोश में नजर आ रहे हैं. बेटे की मौत की खबर सुनते ही परिवार श्रीनगर पहुंचा.
क्या बोले पड़ोसी
ANI से बात करते हुए नारवाल के एक पड़ोसी नरेश बंसल ने कहा, उनकी शादी अभी चार दिन पहले ही हुई थी. पूरा मोहल्ला खुश था. हमें सूचना मिली है कि आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया और वह मौके पर ही शहीद हो गए. वह नौसेना में अधिकारी थे. नारवाल का पूरा गांव शोक में है. गांव वालो ने सरकार से आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. अगर इन्हें छोड़ दिया गया तो फिर से हमला करने की कोशिश करेंगे.