पति शराब पीकर करता है मारपीट, ससुराल वाले कर रहे दहेज के लिए प्रताड़ित... डांसर सपना शर्मा ने पुलिस जांच पर भी उठाए सवाल

हरियाणवी डांसर सपना शर्मा ने अपने ससुराल वालों पर दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं. सपना ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनका पति शराब पीकर मारपीट करता है और पैसों की मांग करता है. उन्होंने जेठ, जेठानी और सास पर भी प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं. पुलिस पर लापरवाही और आरोपी पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सपना ने निष्पक्ष जांच की मांग की है. थाने में दोनों पक्षों के बीच हंगामा भी हुआ, फिलहाल मामला जांचाधीन है.;

( Image Source:  Social Media )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 19 July 2025 4:13 PM IST

प्रसिद्ध हरियाणवी डांसर सपना शर्मा ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ना और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं. सपना ने नारनौल के महिला थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनका पति शराब के नशे में अक्सर उनके साथ मारपीट करता है और लगातार पैसों की मांग करता है. उन्होंने अपने जेठ, जेठानी और सास पर भी मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.

सपना का कहना है कि 4 फरवरी 2025 को उनके पति ने उन्हें बुरी तरह पीटा था, जिसके बाद वे अपने मायके लौट आई थीं. यह पहली बार नहीं है जब सपना ने शिकायत दर्ज कराई हो, उन्होंने फरवरी में भी यही आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दी थी.

महिला थाना में जमकर हुआ हंगामा

शुक्रवार को महिला थाना में दोनों पक्षों को बुलाया गया, जहां जमकर हंगामा हुआ. थाना प्रभारी को हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा. सपना शर्मा ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके पास वीडियो और अन्य सबूत मौजूद हैं, फिर भी पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही.

सपना ने महिला थाना प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप

सपना ने महिला थाना प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि बीते चार महीनों में जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, जिससे यह संदेह गहराता है कि पुलिस आरोपी पक्ष से मिली हुई है. सपना की मां और अन्य परिजन भी थाना पहुंचे और जांच में देरी को लेकर महिला एसएचओ से जवाब-तलबी की.

पुलिस की निष्पक्षता पर उठे सवाल

फिलहाल मामला जांचाधीन है, लेकिन सपना शर्मा के आरोपों ने न केवल ससुराल पक्ष को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि पुलिस की निष्पक्षता और घरेलू हिंसा जैसे मामलों में कार्रवाई की धीमी रफ्तार पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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