VIP ट्रीटमेंट के लालच में बिक गई देशभक्ति, Jyoti Malhotra के कबूलनामे ने खोल दिए पाकिस्तान से जुड़े सभी राज

हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा, जो खुद को ट्रैवल यूट्यूबर बताती थी, असल में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही थी. वीआईपी ट्रीटमेंट के लालच में वह पाक एजेंसी के संपर्क में आई. उसने सेना से जुड़ी सूचनाएं जुटाने के लिए भारत में भी नेटवर्क खड़ा कर लिया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है.;

Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 18 May 2025 10:51 AM IST

जासूसी के शक में गिरफ्तार हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने पुलिस ने कई चीजों का खुलासा किया है. शुरुआत में उसने खुद को सिर्फ एक ट्रैवल ब्लॉगर बताया जो यूट्यूब चैनल के लिए देश-विदेश घूमती है. लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उसने कबूल किया कि वीडियो बनाना सिर्फ एक बहाना था, असली काम था पाकिस्तान के इशारे पर भारत में खुफिया जानकारियां जुटाना. पूछताछ में उसने ये भी बताया कि उसे इसके बदले अच्छे पैसे मिलते थे और विदेश यात्राओं के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया जाता था.

पुलिस जांच में पता चला कि ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में थी. वह सीधे एक सीनियर पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अधिकारी शाकिर उर्फ राणा शाहबाज से निर्देश लेती थी. ज्योति का मुख्य संपर्क उसी से था, लेकिन शक न हो इसलिए उसने शाकिर का नाम अपने मोबाइल में ‘जट रंधावा’ के नाम से सेव कर रखा था. ज्योति और शाकिर के बीच बातचीत अधिकतर स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर होती थी, ताकि चैट का रिकॉर्ड न रहे.

विदेशों में लग्ज़री लाइफ का लालच बना बड़ा कारण

ज्योति ने हरियाणा पुलिस को बताया कि पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में उसे जब भी जाना होता, उसे फर्स्ट क्लास टिकट, महंगे होटल और स्थानीय सुरक्षा मिलती थी. पाकिस्तान में उसे सरकारी सुरक्षा मिलती और कहीं भी जाने की पूरी छूट दी जाती. एक आम भारतीय जहां पाकिस्तान में निगरानी में रहता है, वहीं ज्योति को पूरी आज़ादी थी. उसने खुद बताया कि वह कई बार पाकिस्तानी अफसरों के साथ हाईप्रोफाइल पार्टियों में भी शामिल हो चुकी है, जहां उसे पूरी इज़्ज़त दी जाती थी.

वीज़ा ऑफिस से शुरू हुआ था पाकिस्तान से रिश्ता

ज्योति की पाकिस्तान से दोस्ती की शुरुआत दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास से हुई थी. जब वह वहां वीज़ा बनवाने गई थी, तभी उसकी मुलाकात दूतावास के अधिकारी दानिश से हुई. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि दानिश ने उसे पहली ही मुलाकात में समझ लिया कि यह लड़की ऐशो-आराम पसंद करती है और उसे बस लग्ज़री ज़िंदगी का ऑफर देना है. केवल दस मिनट की बातचीत में दानिश ने उसे तैयार कर लिया और बाद में उसने ही शाकिर से मिलवाया.

सैन्य ठिकानों की जासूसी का जिम्मा अरमान को सौंपा

ज्योति अकेले काम नहीं कर रही थी, बल्कि उसने भारत में भी एक नेटवर्क बना लिया था. उसने नूंह (मेवात) जिले के राजाका गांव के रहने वाले अरमान को देश के सैन्य ठिकानों पर निगरानी रखने और फोटो-वीडियो जुटाने की जिम्मेदारी दी थी. पुलिस ने जब अरमान को गिरफ्तार किया तो उसके फोन और लैपटॉप से गुरुग्राम आयुध डिपो सहित कई संवेदनशील जगहों की फोटो और वीडियो मिलीं. अरमान का भी पूरा डेटा अब जांच के लिए भेजा गया है.

फोरेंसिक जांच से खुलेगा और राज़

हिसार के डीएसपी कमलजीत के मुताबिक, ज्योति को कोर्ट में पेश करने के बाद 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है. उसका मोबाइल और लैपटॉप फोरेंसिक लैब भेजा गया है. अब कोशिश हो रही है कि इसमें से डिलीट किया हुआ डेटा भी रिकवर किया जाए. अभी तक की जांच में यह साफ हो गया है कि वह पाकिस्तानी एजेंसी के लिए काम कर रही थी और पर्याप्त डिजिटल सबूत पुलिस के हाथ लग चुके हैं.

पाकिस्तान, चीन और कई अन्य देशों में की यात्रा

ज्योति ने पुलिस को बताया कि वह पाकिस्तान तीन बार, चीन एक बार और कश्मीर कई बार जा चुकी है. इसके अलावा उसने इंडोनेशिया, थाइलैंड, दुबई, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल की भी यात्रा की है. उसका पासपोर्ट 2018 में बना था और 2028 तक वैध है. उसने कहा कि वह “ट्रैवल विद जो” नाम के यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो बनाती थी और यही उसका असली कवर था.

असली मकसद था जासूसी

ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और इंस्टाग्राम पर भी 1.31 लाख फॉलोवर्स हैं. उसने अपने सोशल मीडिया पर हमेशा यही दिखाया कि वह सिर्फ एक ट्रैवल ब्लॉगर है, लेकिन हकीकत ये थी कि उसी बहाने वह सेना के ठिकानों और अन्य रणनीतिक जगहों की रेकी करती थी. उसके खर्च का सारा बोझ पाकिस्तानी अफसरों पर था. घर में अपने पिता (जो बिजली विभाग से रिटायर्ड हैं) से वह कभी पैसे नहीं लेती थी.

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