अंतिम संस्कार के अगले ही दिन लौट आया पिता, घरवालों के उड़े होश, आखिर किसकी थी वो लाश?

गुरुग्राम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां परिवार ने अपने पिता का अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन वह अगले ही दिन जिंदा वापस लौट आया. इस चौंकाने वाली घटना ने परिवार और पड़ोसियों को हैरान कर दिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर उस लाश की पहचान किसकी थी? इस अनोखे वाकये ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है.;

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Edited By :  हेमा पंत
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जीवन कभी-कभी ऐसी घुमावदार राहें दिखाता है, जिनकी कल्पना भी मुश्किल होती है. गुरुग्राम के मोहम्मदपुर झरसा में रहने वाले 47 साल के पूजन प्रसाद के परिवार के लिए भी ऐसा ही हुआ. वह एक दिन पहले तक मृत समझे जा रहे थे, और उनके अंतिम संस्कार की रस्में पूरी हो चुकी थीं.

लेकिन अगली सुबह, जैसे कोई चमत्कार हो, पूजन अपने घर लौट आए. यह घटना परिवार और पुलिस दोनों के लिए आश्चर्य और हैरानी का कारण बनी. दरअसल पूजन कई दिनों से लापता था. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

लापता था मृतक

1 सितंबर को जब पूजन घर नहीं लौटे और कई दिन तक उनका कोई पता नहीं चला, तब उनके बेटे संदीप ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने संदीप को बताया कि उनके पिता की लाश मिली है. 28 अगस्त को उनके घर से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर एक खाली गोदाम के पास एक शव पाया गया था, जिसकी सिर भी अलग था.

बेटे ने की लाश की पहचान

संदीप ने सरकार के शवगृह में शव की पहचान की और देखा कि उस पर पहना कपड़ा उनके पिता के सामान के समान था. सबसे अहम बात यह थी कि शव के दाहिने पैर पर चोट का निशान था, जो पूजन के पैर के निशान से मेल खाता था. यही वजह थी कि संदीप ने यकीन कर लिया कि यह उनके पिता हैं.

अस्थियां विसर्जन पर मामा का आया कॉल

शव की पहचान के बाद पूजन के परिवार को सूचित किया गया और 2 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार किया गया. पत्नी लक्ष्मी और तीन बेटे, संदीप सहित, पूरे विधि-विधान के साथ उनकी अंत्येष्टि में शामिल हुए. अंतिम संस्कार के बाद, जब परिवार वाले यमुना में उनकी अस्थियों का विसर्जन करने दिल्ली जा रहे थे, तभी उन्हें एक फोन आया. पूजन के मामा राहुल प्रसाद ने बताया कि उन्होंने पूजन को खंडसा के मजदूर चौक पर देखा है.

चौंकाने वाला पुनर्मिलन

राहुल पहले तो समझ नहीं पाए कि क्या उन्होंने सही देखा है. लेकिन जैसे ही वह रिक्शा से उतरे, उन्होंने अपने जीजा जी को पहचान लिया. राहुल ने पूजन को घर लाया और वहां उनका परिवार देखकर हैरानी और खुशी में झूम उठा.

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