गुड़गांव में बड़े साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, स्कैमर्स ने 16,000 लोगों से कैसे ठगे 125 करोड़ रुपये?
गुरुग्राम पुलिस ने बड़े साइबर फ्रॉड का भंडाभोड़ किया है. जिसमें 21 साइबर ठगों ने लोगों से 125 करोड़ रुपये से ज्यादा लूट लिए थे. इस मामले में पुलिस को आपराधियों के पास से सिम कार्ड और सेल फोन जब्त किए. अब इसमें आगे की जांच की जा रही हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि साइबर ठगों ने लोगों से शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर ठगी की है.;
Cyber Fraud In Gurugram: साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन लोगों को फ्री और फेक स्कीम का दावा करके ठगा जा रहा है. गुरुग्राम में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हुआ है. यहां पर 16 हजार से ज्यादा लोगों को जाल में फंसाकर 125 करोड़ रुपये लूटे गए. गुरुग्राम पुलिस ने बताया कि पिछले दो महीनों में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुग्राम पुलिस ने बड़े साइबर फ्रॉड का भंडाभोड़ किया है. जिसमें 21 साइबर ठगों ने लोगों से 125 करोड़ रुपये से ज्यादा लूट लिए थे. इस मामले में पुलिस को आपराधियों के पास से सिम कार्ड और सेल फोन जब्त किए. अब इसमें आगे की जांच की जा रही हैं.
125 करोड़ का स्कैम
साबर क्राइम एसीपी प्रियांशु दीवान ने इस स्कैम के बारे में जानकारी दी. एसीपी ने बताया कि देश भर में 16,788 से ज्यादा लोगों से करीब 125.6 करोड़ रुपये ठगे गए हैं. घोटाले से जुड़ी उन्हें 672 शिकायतें मिलीं. जिनमें 672 मामले में से 40 हरियाणा में दर्ज हैं, जिनमें सिर्फ गुरुग्राम में 11 केस दर्ज हैं. इस मामले में पुलिस ने 4 दिसंबर को दिलराज बैरवा और धीरज, 7 दिसंबर को अश्विनी और 9 दिसंबर को अनीश को पकड़ा है. इससे पहले साइबर सेल ईस्ट पुलिस ने 11 अगस्त को मुकेश लखनलाल साहू, सुखविंदर सिंह, सचिन, एनएम कुमार, पंकज सलूजा, प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया था. इसमें कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कार्रवाई अभी भी जारी है.
शेयर मार्केट के नाम पर ठगी
रिपोर्ट में बताया गया कि साइबर ठगों ने लोगों से शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर ठगी की है. एक व्यक्ति ने ठगों की बात में आकर 97 लाख रुपये गंवा दिए, जिसके बाद उनसे साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत की. फिर 26 जून को पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 औ 120-बी के तहत केस दर्ज किया. जांच में यह भी पता चला कि इन साइबर ठगों ने वॉस्ट्सऐप के माध्यम से धमकी देकर, निवेश के नाम पर और फर्जी अधिकारी बनकर घटना को अंजाम देते थे. ज्यादा रिटर्न के नाम पर लोगों को जाल में फंसा लेते थे फिर उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते थे.