गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक मेट्रो चलाने की योजना, जल्द शुरू होगा सर्वे
आने वाले कुछ सालों में गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक मेट्रो चल सकती है. वर्तमान में गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक सड़क मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति अक्सर बन जाती है, खासकर सुबह और शाम के समय. एम्स के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है, न ही हरियाणा रोडवेज की कोई बस यहां जाती है, और न ही सिटी बस सेवा उपलब्ध है.

गुरुग्राम से झज्जर स्थित एम्स तक मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना बन रही है, जिससे आने वाले समय में अस्पताल जाने वाले लोगों को परिवहन में काफी राहत मिल सकती है. हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचएमआरटीसी) ने इस परियोजना के लिए रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को सर्वे करने का जिम्मा सौंपा है. इस सर्वे के बाद अगले महीने रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है, जिसके आधार पर मेट्रो मार्ग का चयन किया जाएगा और फिर डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी.
सर्वे में यह देखा जाएगा कि गुरुग्राम मेट्रो के ओल्ड गुरुग्राम सेक्टर-101 (गांव बसई) मेट्रो स्टेशन से झज्जर एम्स तक मेट्रो लाइन का विस्तार किया जाए, या फिर दिल्ली मेट्रो के ढांसा मेट्रो स्टेशन से मेट्रो को झज्जर एम्स तक जोड़ा जाए. दोनों रूटों के बीच दूरी में अंतर है – सेक्टर-101 से झज्जर एम्स तक लगभग 14 किलोमीटर की दूरी है, जबकि ढांसा मेट्रो स्टेशन से नजफगढ़ होते हुए यह दूरी करीब 20 किलोमीटर बनती है. अगले कुछ हफ्तों में इस सर्वे रिपोर्ट को एचएमआरटीसी को सौंपा जाएगा, जिसके बाद इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा.
झज्जर एम्स तक ट्रैफिक जाम की समस्या
वर्तमान में गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक सड़क मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति अक्सर बन जाती है, खासकर सुबह और शाम के समय. द्वारका एक्सप्रेसवे के पास सड़क संकरी होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी) ने यहां एक नया सड़क मार्ग बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों द्वारा अधिक मुआवजे की मांग के चलते यह योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है.
मरीजों को असुविधा
झज्जर एम्स तक परिवहन व्यवस्था में काफी समस्याएं हैं. एम्स के एक कर्मचारी के मुताबिक, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दूरदराज के राज्यों से आने वाले मरीजों को बहुत असुविधा होती है. उन्हें पहले गुरुग्राम रेलवे स्टेशन या इफको चौक बस स्टॉप पर उतरना पड़ता है, और फिर बस या ऑटो द्वारा एम्स तक यात्रा करनी पड़ती है. इसके अलावा, एम्स के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है, न ही हरियाणा रोडवेज की कोई बस यहां जाती है, और न ही सिटी बस सेवा उपलब्ध है.
हर दिन लगभग 1000 मरीज एम्स में इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से 400 नए मरीज ओपीडी में आते हैं. दिल्ली से बाड़सा तक बस सेवा उपलब्ध है, जिससे उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को कोई बड़ी समस्या नहीं होती है.