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MP: शिवपुरी के लक्ष्मीपुरा गांव में झोपड़ी में लगी आग, तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत

मध्य प्रदेश के लक्ष्मीपुरा गांव से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां पर आग लग गई और आग की वजह से दादा और दो पोती की मौत हो गई है. इस हादसे से पूरे गांव में शोक का माहौल बना हुआ है.

MP: शिवपुरी के लक्ष्मीपुरा गांव में झोपड़ी में लगी आग, तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत
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( Image Source:  Pinterest )

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के लक्ष्मीपुरा गांव में शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक झोपड़ी में आग लगने से तीन लोगों की जान चली गई. इस हादसे में 65 साल बुजुर्ग हजारी बंजारा और उनकी दो पोतियां, संध्या (5 साल) और अनुष्का (7 साल), जिंदा जल गए. घटना रात करीब 11 बजे की है, जब जलता हुआ छप्पर उनके ऊपर गिर पड़ा.

कैसे घटी यह दुर्घटना?

यह दुखद घटना बैराड़ थाना क्षेत्र के रसेरा पंचायत के लक्ष्मीपुरा गांव में हुई. वासुदेव और उनकी पत्नी रूकमणी किसी रिश्तेदार की मृत्यु पर धौलपुर गए हुए थे और उन्होंने अपनी तीन बेटियों को अपने पिता हजारी के पास छोड़ रखा था. हजारी बंजारा अपनी पोतियों के साथ झोपड़ी में सो रहे थे, तभी अचानक आग लग गई.

आग लगने के बाद, हजारी के साथ सो रही संध्या और अनुष्का फंस गईं, जबकि तीसरी पोती ज्योति किसी तरह झोपड़ी से बाहर निकलने में सफल रही. ज्योति ने तुरंत अपने चाचा जीतेंद्र बंजारा को आग लगने की सूचना दी. इसके बाद, ग्रामीणों ने मदद की और आग बुझाने का प्रयास किया.

आग पर काबू पाने में हुई देर

ग्रामीणों ने मोटर से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और साथ ही फायर बिग्रेड को सूचित किया गया. फायर ब्रिगेड और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. लगभग एक घंटे बाद आग बुझाई गई, लेकिन तब तक यह हादसा अपने घातक रूप में सामने आ चुका था.

आग से बुजुर्ग हजारी और दोनों पोतियां झुलस गए थे. फायर ब्रिगेड की मदद से जब तीनों को झोपड़ी से बाहर निकाला गया, तो हजारी और अनुष्का की मौके पर ही मौत हो चुकी थी. संध्या की सांस चल रही थी, और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, इलाज के दौरान संध्या की भी मौत हो गई. बैराड़ थाना प्रभारी विकास यादव के अनुसार, झोपड़ी का छप्पर घासफूस का था, जो आग लगने पर जलकर तीनों के ऊपर गिर गया था. आग के कारणों का अभी तक कोई ठोस पता नहीं चल पाया है.

परिवार में संकट का माहौल

इस हादसे ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को शोक में डाल दिया है. वासुदेव और रूकमणी की गमी में शामिल होने के बाद उनका परिवार इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध है. पूरे गांव में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, और स्थानीय प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है

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