अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जवाद सिद्दीकी की 15 कंपनियों का खुलासा, ज्यादातर का पता एक ही इलाके में- ED ने तेज की जांच
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जवाद अहमद सिद्दीकी 15 कंपनियों से जुड़े पाए गए हैं, जिनमें से 9 फिलहाल सक्रिय हैं और ज्यादातर का पता दिल्ली के जामिया नगर इलाके में है. इन कंपनियों में सुफयान, सऊद और शीमा सिद्दीकी समेत कुछ नाम बार-बार सामने आए हैं. कई कंपनियां शिक्षा, मेडिकल रिसर्च और इंजीनियरिंग सर्विसेज से जुड़ी हैं, जबकि कुछ अब बंद हो चुकी हैं. अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के खिलाफ फर्जी दस्तावेज़ों और अनुबंध उल्लंघन के आरोपों में साकेत कोर्ट में मामला चल रहा है.;
Al Falah University Director Jawad Ahmad Siddiqui: हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. अब यह खुलासा हुआ है कि यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जवाद अहमद सिद्दीकी देशभर में 15 अलग-अलग कंपनियों से जुड़े हुए हैं. इनमें से 9 कंपनियां फिलहाल सक्रिय हैं, जबकि बाकी बंद हो चुकी हैं. ये कंपनियां शिक्षा, सॉफ्टवेयर, कृषि, मेडिकल रिसर्च और इंजीनियरिंग सर्विसेज जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रही हैं.
कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय और ZaubaCorp के रिकॉर्ड्स के अनुसार, इन 15 में से 7 कंपनियों का रजिस्टर्ड ऑफिस एड्रेस एक ही है - अल-फलाह हाउस, 274A, जामिया नगर, नई दिल्ली. वहीं, एक अन्य फर्म ‘तर्बिया फाउंडेशन’, जो 'शैक्षणिक गतिविधियों' से जुड़ी है, 274B, मुरतज़ा अपार्टमेंट्स, जामिया नगर में रजिस्टर्ड है. हाल ही में एमजेएच डेवलपर्स (MJH Developers) नाम की एक नई कंपनी मई 2025 में रजिस्टर हुई, जिसका कारोबार 'कृषि और पशुपालन' से जुड़ा बताया गया है। इसका पता मदनपुर खादर, दक्षिण दिल्ली में है।
बार-बार दिखे वही नाम
कई कंपनियों में एक जैसे डायरेक्टर्स के नाम बार-बार दिखाई देते हैं- सुफयान अहमद सिद्दीकी, सऊद सिद्दीकी, शीमा सिद्दीकी, फरदीन बेग और मोहम्मद जामिल खान...इनमें से फरदीन बेग, जो पांच कंपनियों में डायरेक्टर हैं, अपने LinkedIn प्रोफाइल पर अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में फैकल्टी होने का दावा करते हैं.
कानूनी विवादों में घिरी अल-फलाह ट्रस्ट
अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कई कानूनी मामले भी सामने आए हैं. 2022 में SRM एजुकेशनल एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने ट्रस्ट के खिलाफ एक कमर्शियल सूट दाखिल किया था, जिसमें झूठे दस्तावेज़ों और अनुबंध उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. SRM का आरोप है कि एमओयू के समय अस्पताल भवन अस्तित्व में नहीं था और मेडिकल इंस्टीट्यूट व हॉस्पिटल के संचालन के लिए भूमि उपयोग की अनुमति भी नहीं ली गई थी.
साकेत कोर्ट में 5 दिसंबर को होगी सुनवाई
दिल्ली की साकेत कोर्ट में चल रहे इस केस की अगली सुनवाई 5 दिसंबर 2025 को होगी. पिछली सुनवाई (3 नवंबर 2025) में अदालत ने ट्रस्ट से 2013-16 की ऑडिटेड बैलेंस शीट और ज़मीन खरीद से जुड़े दस्तावेज़ प्रस्तुत करने को कहा था. इससे पहले, 2007 में भी एक क्रिमिनल केस अल-फलाह इन्वेस्टमेंट लिमिटेड और इसके 5 डायरेक्टर्स के खिलाफ दायर हुआ था, जिसमें जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम भी था. हालांकि, शिकायतकर्ता के अनुपस्थित रहने के कारण यह केस अगस्त 2007 में खारिज कर दिया गया था.
जांच एजेंसियों की नज़र
अब जब अल-फलाह यूनिवर्सिटी रेड फोर्ट ब्लास्ट और आतंकी मॉड्यूल से जुड़े आरोपों के कारण जांच के घेरे में है, तो ED और NIA जैसी एजेंसियां इन कंपनियों के वित्तीय लेन-देन और फंडिंग पैटर्न की जांच में जुट गई हैं. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से कई फर्म्स संभावित शेल कंपनियां मानी जा रही हैं, जिनके जरिए पैसे के लेन-देन को छिपाया गया हो सकता है.