क्यों नहीं सता रहा AAP को सत्ता खोने का डर? 2013 से लेकर 2020 तक कितने सटीक थे Exit Poll

दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें भाजपा की सरकार बनती हुई दिख रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी 2013 से लगातार सत्ता में है. लेकिन इस बार AAP एग्जिट पोल को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 6 Feb 2025 8:49 AM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें भाजपा की सरकार बनती हुई दिख रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी 2013 से लगातार सत्ता में है. लेकिन इस बार AAP एग्जिट पोल को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही. पार्टी नेताओं का कहना है कि पहले भी एग्जिट पोल उनके लिए गलत साबित हुए हैं, इसलिए वे इस पर ध्यान नहीं दे रहे. आइए जानते हैं कि 2013 से 2020 तक एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी के लिए कितने सटीक साबित हुए थे.

2013 में एग्जिट POLL

2013 में औसतन चार एग्जिट पोल ने भाजपा को 35 सीटों पर मजबूत दिखाया, जो बहुमत (36 सीटें) के करीब था. वहीं, आप और कांग्रेस को 17-17 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई थी. लेकिन नतीजों में भाजपा को 32, आप को 28 और कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटें मिलीं. एग्जिट पोल ने आप की ताकत को कम आंका था, जबकि यह पार्टी इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन की लहर पर सवार थी. कांग्रेस के समर्थन से बनी आप सरकार 48 दिनों में गिर गई, जिसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा.

उस साल, दो एग्जिट पोल ने भाजपा को बहुमत दिया था हेडलाइंस टुडे-ओआरजी ने 41 और एबीपी-नीलसन ने 37 सीटें दी थीं. कांग्रेस के प्रदर्शन को भी बढ़ाकर बताया गया था. सबसे सटीक अनुमान टुडेज चाणक्य का था, जिसने आप को 31, भाजपा को 29 और कांग्रेस को 10 सीटें दी थीं.

2015 में एग्जिट POLL

2015 में, छह एग्जिट पोल ने AAP को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया, लेकिन इसकी भारी जीत को भांप नहीं सके. औसतन, पोल ने AAP को 45, भाजपा को 24 और कांग्रेस को 1 सीट दी थी. नतीजे आए तो AAP ने 67 सीटों पर शानदार जीत हासिल की, जबकि भाजपा सिर्फ 3 पर सिमट गई.

2020 के Exit Poll

2020 में, आठ एग्जिट पोल ने औसतन AAP को 54 सीटें और भाजपा को 15 सीटें दी थीं, जबकि कांग्रेस को शून्य के करीब रखा था. इस बार एग्जिट पोल ज्यादा सटीक रहे, क्योंकि नतीजों में AAP को 62 और भाजपा को 8 सीटें मिलीं.भाजपा को लेकर एग्जिट पोल आमतौर पर ज्यादा सीटों की उम्मीद दिखाते रहे, लेकिन वे AAP की बड़ी जीत का सही अनुमान लगाने में विफल रहे.

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