क्या प्रवेश वर्मा को नहीं बनाया गया दिल्ली का डिप्टी सीएम, सौरभ भारद्वाज ने क्यों किया ऐसा दावा?

दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम न बनाए जाने पर सौरभ भारद्वाज ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि बीजेपी में 'खेला' हो गया और जाट राजनीति के कारण वर्मा सीएम नहीं बन पाए. चुनाव में अरविंद केजरीवाल को हराने के बावजूद उन्हें सिर्फ मंत्री पद मिला.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 23 Feb 2025 12:34 PM IST

दिल्ली में 20 फरवरी को नई सरकार का गठन हुआ, जिसमें शालीमार बाग से पहली बार चुनी गई विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं, नई दिल्ली सीट से विधायक प्रवेश वर्मा सहित छह अन्य विधायकों को मंत्री पद दिया गया. पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान यह अटकलें जोरों पर थीं कि प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसपर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने चुटकी लेते हुए कहा कि दिल्ली में 'खेला हो गया."

सौरभ भारद्वाज ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम नहीं बनाए जाने की खबर अचानक अखबारों में बड़े ही प्यार से छपवा दी गई. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले खबर थी कि वर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब उन्हें केवल पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया है. भारद्वाज ने दिल्ली की राजनीति को दिलचस्प बताते हुए कहा कि जाट समुदाय से होना राजनीतिक रूप से फायदेमंद था, लेकिन शायद यही वजह बनी कि प्रवेश वर्मा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए.

जाट समुदाय को दिया सांत्वना पुरस्कार 

अपने बयान में भारद्वाज ने हरियाणा की राजनीति से तुलना करते हुए कहा कि वहां जाट बनाम नॉन-जाट का ध्रुवीकरण किया जाता है, और शायद यही रणनीति दिल्ली में भी अपनाई गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब हरियाणा की जाट बेटियां जंतर-मंतर पर न्याय की गुहार लगाने बैठी थीं, तब उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई थी. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने जाट समुदाय को संतुष्ट करने के लिए सिर्फ सांत्वना पुरस्कार दिया है, जैसे कि राज्यसभा के चेयरमैन पद पर जगदीप धनखड़ की नियुक्ति.

वर्मा ने केजरीवाल को हराया

भारद्वाज ने कहा कि प्रवेश वर्मा का नाम बार-बार मीडिया और सोशल मीडिया में क्यों आ रहा है, यह सोचने वाली बात है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रवेश वर्मा ने जिस तरह नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और जिस तरह से प्रशासन ने उनका समर्थन किया, उससे वह अरविंद केजरीवाल को हराने में सफल रहे. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं थी, क्योंकि केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री थे.

सीएम क्यों नहीं बनाया गया?

उन्होंने आगे कहा कि प्रवेश वर्मा को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री माना जा रहा था, क्योंकि वह पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वे जाट समुदाय से आते हैं, जो राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है. हालांकि, भारद्वाज ने सवाल उठाया कि क्या यही कारण था कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया?

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