लड़की का होठ छूना, दबाना और बगल में सो जाना...क्राइम नहीं, ऐसा क्यों बोला दिल्ली HC?

दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि यदि किसी नाबालिग लड़की के होठों को छूना या दबाना और उसके बगल में सोना यौन प्रेरित प्रयास के बिना किया गया हो, तो इसे पॉक्सो अधिनियम के तहत ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ नहीं माना जा सकता.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि यदि किसी नाबालिग लड़की के होठों को छूना या दबाना और उसके बगल में सोना यौन प्रेरित प्रयास के बिना किया गया हो, तो इसे पॉक्सो अधिनियम के तहत ‘गंभीर यौन उत्पीड़न’ नहीं माना जा सकता.

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि ऐसी हरकतें नाबालिग की गरिमा को ठेस पहुंचा सकती हैं, लेकिन स्पष्ट यौन इरादे की अनुपस्थिति में पॉक्सो एक्ट की धारा-10 के तहत आरोप तय करना कठिन होगा. हालांकि, आईपीसी की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमले या आपराधिक बल प्रयोग का मामला जरूर बनता है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के चाचा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आईपीसी की धारा 354 को बरकरार रखा, लेकिन पॉक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत आरोपी को आरोपमुक्त कर दिया. याचिकाकर्ता ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को चुनौती दी थी.

क्या था मामला?

लड़की ने आरोप लगाया था कि उसका चाचा उसके होंठों को छूता और दबाता था, साथ ही उसके बगल में लेटता था, जिससे वह असहज महसूस करती थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता ने किसी भी बयान में यौन उत्पीड़न या यौन प्रकृति के इरादे का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया.

कोर्ट की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने माना कि यौन इरादे के अभाव में पॉक्सो एक्ट की धारा 10 लागू नहीं होती, क्योंकि यह अपराध का अनिवार्य तत्व है. हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि लड़की के साथ हुआ व्यवहार केवल असहजता तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उसकी गरिमा और शारीरिक स्वायत्तता का स्पष्ट उल्लंघन था.

पीड़िता की पारिवारिक स्थिति

अदालत ने यह भी ध्यान दिया कि लड़की को बचपन में उसकी मां ने छोड़ दिया था और वह बाल देखभाल संस्थान में रह रही थी. घटना के समय, वह अपने परिवार से मिलने गई थी और वहां सुरक्षा और स्नेह की तलाश में थी. इस संदर्भ में, परिवार के सदस्य द्वारा किया गया अनुचित शारीरिक संपर्क विश्वासघात के समान था.

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