दिल्ली AIIMS में हुआ नया हंगामा, छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन; जानें क्या है उनकी मांग?

छात्र ऑप्टोमेट्री कॉलेज में पढ़ाई और सुरक्षा के लिए, साथ ही छात्रावास की कमी को दूर करने की मांग कर रहे हैं. वे कहते हैं कि पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.;

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By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 21 Sept 2024 9:18 AM IST

दिल्ली : छात्र ऑप्टोमेट्री कॉलेज में पढ़ाई और सुरक्षा के लिए, साथ ही छात्रावास की कमी को दूर करने की मांग कर रहे हैं. वे कहते हैं कि पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के कई छात्रों ने अपने सामने आने वाली समस्याओं को उठाते हुए प्रदर्शन किया और ऑप्टोमेट्री कॉलेज की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने छात्रावासों की कमी, महिला सुरक्षा और पाठ्यक्रम में सुधार न होने जैसी समस्याओं का जिक्र किया.

कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

AIIMS में ऑप्टोमेट्री स्नातक के छात्र नसीर हसन ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी मांग शिक्षा है. उन्होंने बताया कि एम्स ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पाठ्यक्रम को नहीं अपनाया है. “हमारा विरोध एम्स प्रशासन के खिलाफ है. हमें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं, और ऑप्टोमेट्री कॉलेज भी नहीं बनाया जा रहा है. छात्र विभिन्न राज्यों से आते हैं, लेकिन उन्हें छात्रावास की सुविधा नहीं मिलती. महिला सुरक्षा भी एक चिंता का विषय है,” हसन ने कहा.

ऑप्टोमेट्री कॉलेज की मांगें

प्रथम वर्ष की मेडिकल छात्रा आशा चौधरी ने कहा कि जब वे कॉलेज आईं, तो उन्हें छात्रावास नहीं दिया गया. “हम पिछले 20 दिनों से धरने पर हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही. हमें ऑप्टोमेट्री कॉलेज चाहिए, हमारी कक्षाएं समय पर नहीं लगतीं, और हमें सुरक्षा की भी चिंता है. पहले दिन से ही हमें छात्रावास नहीं मिल रहा, हमें बाहर रहना पड़ता है,” उन्होंने कहा.

छात्रों को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली

दूसरे वर्ष के छात्र अनिल यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें अपना विरोध खत्म करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. “हम 20 दिनों से धरने पर हैं. कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं. हाल ही में हुई बैठक में भी हमें कोई जवाब नहीं मिला. हमें धमकी दी जा रही है कि अगर धरना खत्म नहीं किया, तो लाठीचार्ज किया जाएगा. यहां अभी भी 50 पुलिसकर्मी मौजूद हैं… हमें अपनी बात कहने का हक चाहिए,” उन्होंने कहा. छात्रों का कहना है कि इस स्थिति ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है.

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