दिल्ली में नामांकन का बुधवार... केजरीवाल, प्रवेश वर्मा और बिधूड़ी समेत कई उम्मीदवारों ने भरा पर्चा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज नामांकन का बुधवार बताया जा रहा है. आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी समेत कई उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.;
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बुधवार का दिन नामांकन प्रक्रिया के लिए चर्चा में रहा. भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेताओं ने अपने नामांकन दाखिल किए तो वहीं कुछ अन्य कतार में हैं, यानी बुधवार को ही उनका भी नामांकन होना है. सबसे अधिक गहमा-गहमी नई दिल्ली सीट पर देखने को मिली, जहां आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं कालकाजी सीट से रमेश बिधूड़ी ने भी पर्चा भर दिया है. इसके बाद मनीष सिसोदिया जंगपुरा से रोड़ शो कर रहे है और थोड़ी देर में नामांकन दाखिर करेंगे.
आप के राष्ट्रीय संयोजक और नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के नामांकन पर आप नेता संदीप पाठक ने कहा, 'सवाल सिर्फ इस सीट का नहीं है बल्कि पूरी दिल्ली में आप के पक्ष में बहुत अच्छा माहौल है. जनता पूरी तरह से जानती है कि अगर भाजपा आई तो यहां हो रहे सारे अच्छे काम रुक जाएंगे.' नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया.
कालकाजी सीट पर कोई टक्कर नहीं; रमेश बिधूड़ी
कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने कहा, 'यहां कोई लड़ाई नहीं है. यहां बहुत बड़ी सत्ता विरोधी लहर है. लोगों ने आतिशी को विदाई दे दी है. उनके नामांकन के समय कालकाजी से 50 लोग भी नहीं थे. हम राजनीति में लोगों की सेवा करने आए हैं, अरविंद केजरीवाल की तरह झूठ बोलकर सीएम बनने नहीं.'
किसके पास कितनी भीड़?
नामांकन से पहले दोनों नेताओं ने वाल्मीकि मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की और फिर पदयात्रा करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे. नामांकन प्रक्रिया से पहले अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा ने अपनी-अपनी पदयात्राओं के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया. दोनों नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ इस पदयात्रा के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की कि जनता का समर्थन उनके साथ है. हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि किस नेता के साथ भीड़ अधिक थी, लेकिन दोनों ने अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. चुनावी माहौल में इन पदयात्राओं ने नई दिल्ली सीट पर सियासी हलचल को और बढ़ा दिया है.