JNU छात्र संघ चुनाव 2025 में लेफ्ट ने ABVP का किया सूपड़ा साफ! कौन हैं अदिति मिश्रा, जिन्होंने अध्यक्ष पद पर हासिल की जीत?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2025 में वामपंथी गठबंधन (Left Unity) ने चारों पदों पर शानदार जीत दर्ज की. वाराणसी की अदिति मिश्रा नई अध्यक्ष बनीं, जबकि के. गोपिका, सुनील यादव और दानिश अली ने उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद जीते. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) इस बार भी लेफ्ट का गढ़ नहीं भेद पाई. कैंपस में फीस, लैंगिक समानता और छात्र अधिकार जैसे मुद्दे चुनावी बहस के केंद्र में रहे.;
JNU student union election results 2025, Aditi Mishra President: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव 2025 के नतीजे आ गए हैं... और एक बार फिर वामपंथी दलों (Left Unity) ने अपना दबदबा कायम रखा है. इस बार चारों पद, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव, लेफ्ट यूनिटी ने जीत लिए हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), जो पिछले चुनाव में एक पद पर जीत हासिल करने में सफल रही थी, इस बार खाली हाथ रह गई.
शनिवार को हुई मतगणना सुबह से शुरू होकर शाम तक चली. जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी, लेफ्ट पैनल ने लगातार बढ़त बनाए रखी. नतीजे आने तक चारों पदों पर लेफ्ट उम्मीदवार विजेता घोषित किए गए. अध्यक्ष पद पर अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद पर के. गोपिका, महासचिव पद पर सुनील यादव और संयुक्त सचिव पद पर दानिश अली (Left Unity) ने जीत हासिल की.
हर पद पर दूसरे स्थान पर रही ABVP
एबीवीपी (ABVP) के उम्मीदवार हर पद पर दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन लेफ्ट की मजबूत पकड़ को कमजोर नहीं कर सके. एनएसयूआई (NSUI) और बीएपीएसए (BAPSA) जैसे अन्य संगठनों को भी इस बार अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई.
कौन हैं अदिति मिश्रा?
जेएनयू की नई छात्रसंघ अध्यक्ष अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से अर्थशास्त्र में स्नातक किया और वर्तमान में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के Centre for Comparative Politics and Political Theory में पीएचडी कर रही हैं. अदिति लंबे समय से AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) से जुड़ी हैं और लेफ्ट यूनिटी (AISA, SFI, DSF) की साझा उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरी थीं.
संघर्ष से बनी छात्रनेता
अदिति मिश्रा का छात्र राजनीति से जुड़ाव कोई नया नहीं है. 2017 में BHU में महिला हॉस्टल की कर्फ्यू टाइमिंग के खिलाफ हुए प्रदर्शन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा, 2018 में पांडिचेरी विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर कार्यालय के घेराव में भी उन्होंने भाग लिया. वहीं, 2019 में फीस वृद्धि आंदोलन के दौरान अदिति जेएनयू में सबसे आगे रहीं.
वर्तमान में अदिति लैंगिक हिंसा और भेदभाव पर शोध कर रही हैं और विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं. अदिति ने यौन उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मुद्दों पर मुखर होकर आवाज उठाई और प्रशासन को जवाबदेह बनाने की मांग की.
इस बार का चुनाव: मुद्दे और माहौल
इस बार जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में फीस वृद्धि, लैंगिक समानता, हॉस्टल सुविधाएं और प्रशासनिक पारदर्शिता जैसे मुद्दे प्रमुख रहे. चुनाव प्रचार के दौरान लेफ्ट और एबीवीपी के बीच कई बहसें हुईं, लेकिन छात्रों का झुकाव एक बार फिर वामदलों की ओर दिखा.
अंतिम नतीजे (JNU Election Results 2025)
अध्यक्ष अदिति मिश्रा को 1937, उपाध्यक्ष के. गोपिका को 3101, महासचिव सुनील यादव को 2002 और संयुक्त सचिव दानिश अली को 2083 वोट मिले.
लेफ्ट यूनिटी का लगातार दबदबा
पिछले कई वर्षों से जेएनयू छात्र राजनीति में वामपंथी संगठनों का वर्चस्व कायम है. 2024 में भी तीन पदों पर लेफ्ट ने जीत दर्ज की थी. इस बार चारों पद जीतकर लेफ्ट ने अपने प्रभुत्व को और मजबूत कर लिया है.
जेएनयू छात्र संघ चुनाव 2025 ने एक बार फिर यह साबित किया है कि परिसर की राजनीति में वाम विचारधारा की जड़ें गहरी हैं. वाराणसी की अदिति मिश्रा के नेतृत्व में लेफ्ट यूनिटी की यह जीत न केवल संगठन की रणनीतिक एकता की सफलता है, बल्कि कैंपस की विचारधारात्मक दिशा को भी दर्शाती है.