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'Money Heist' वेब सीरीज से मिला आइडिया! दिल्ली में 50 करोड़ रुपये की ठगी, पुलिस ने ऐसे किया स्कैमर्स का फर्दाफाश

Delhi Cyber Crime: दिल्ली में मनी हाइस्ट सीरीज से आइडिया लेकर 50 करोड़ रुपये का स्कैम करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. पुलिस ने मामले में 3 आरोपियों को पकड़ है और बाकी की तलाश हो रही है. आरोपियों के पास से 14 मोबाइल फोन, 20 सिम कार्ड और 32 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं.

Money Heist वेब सीरीज से मिला आइडिया! दिल्ली में 50 करोड़ रुपये की ठगी, पुलिस ने ऐसे किया स्कैमर्स का फर्दाफाश
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Delhi Cyber Crime: आपने नेटफ्लिक्स की मशहूर वेब सीरीज मनी हाइस्ट (Money Heist) तो देखी ही होगी, जिसमें बड़े ही स्मार्ट तरीके के लोगों को ठगा जाता है. ऐसा ही असल जिंदगी में भी देखने को मिला है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मनी हाइस्ट सीरीज से आइडिया लेकर करोड़ों का स्कैम करता था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गैंग न सिर्फ मनी हाइस्ट शो के किरदारों की तरह काम करता था, बल्कि अपने लिए सीरीज के किरदार के नाम भी इस्तेमाल करता था.

50 करोड़ रुपये की ठगी

दिल्ली पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामले की जांच शुरू की, जिसमें इस केस का भी खुलासा हुआ. पुलिस के मुताबिक, गैंग ने अब तक करीब 200 लोगों से लगभग 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. इस गैंग के मास्टरमाइंड की पहचान अर्पित मिश्रा था के रूप में हुई है.

प्रोफेसर बताकर करते स्कैम

मास्टरमाइंड अर्पित मिश्रा सभी को अपनी पहचान प्रोफेसर के रूप में बताता था. वहीं उसके साथ प्रभात वाजपेयी और अब्बास खान काम करते थे, जो अमांडा और बर्लिन नाम से जाने जाते थे. वाजपेयी कंप्यूटर में मास्टर डिग्रीधारी है और डिजिटल कम्युनिकेशन और पैसों के लेन-देन की जिम्मेदारी संभालता था. वहीं अब्बास खान गिरोह की एक्टिविटी पर नजर बनाए रखता था.

गैंग बनाया था ये प्लान

पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने अपने ऑपरेशन का नाम 'डायरेक्ट मार्केट अकाउंट' रखा था. गिरोह खुद को बड़े फाइनेंशियल ब्रोकर बताकर लोगों को एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ता था, जहां उन्हें एक्सक्लूसिव मार्केट टिप्स और भारी मुनाफे के झांसे दिए जाते थे.

इसके बाद पीड़ितों को एक फेक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निवेश करने को कहा जाता था. शुरू में छोटे-छोटे रिटर्न दिखाकर विश्वास जीतने के बाद जब लोग बड़ी रकम लगाते, तो उनका अकाउंट अचानक ब्लॉक कर दिया जाता था. कई मामलों में ठग पीड़ितों से उनके पैसे वापस करने के बदले एक्स्ट्रा चार्ज या टैक्स के नाम पर फिरौती जैसी रकम भी मांगते थे.

कैसे हुआ खुलासा?

इस मामले का खुलासा रोहित नाम के व्यक्ति ने जब पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई तब हुआ. उसने 22 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पूर्वोत्तर जिले की साइबर क्राइम टीम के इंस्पेक्टर राहुल कुमार और उनकी टीम ने तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की.

पुलिस ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन

पुलिस ने सर्च ऑपरेशन के दौरान प्रभात वाजपेयी (22) और अब्बास खान (24) को गिरफ्तार कर लिया. मुख्य आरोपी अर्पित मिश्रा (25) को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से पकड़ा गया.

पुलिस ने आरोपियों के पास से 14 मोबाइल फोन, 20 सिम कार्ड और 32 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि गिरोह काफी प्लानिंग के साथ काम कर रहा था. पुलिस अब गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है.

DELHI NEWS
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