पैदा हुई जुड़वा बच्ची तो पूरा परिवार बना हैवान! बेटे की ख्वाहिश में नवजात को दी दर्दनाक मौत

कहते हैं बेटियां मां लक्ष्मी का रूप होती हैं. जिनके घर में बेटियों का जन्म होता है वे बहुत भाग्यशाली होते हैं. हाल ही में दिल्ली से एक खबर सामने आई है, जहां पर एक पिता और उसके परिवार ने मिलकर अपनी ही नवजात जुड़वां बेटियों को मौत के घाट उतार दिया. इस अपराध में पूरे परिवार ने मिलकर हिस्सा लिया.;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 9 Dec 2025 1:43 PM IST

बेटी का जन्म हर घर के लिए सौभाग्यशाली होता है. कहा जाता है कि जिस आंगन में बेटी जन्म लेती है, वहां खुशियों की बौछार हो जाती है. लेकिन सुल्तानपुरी, दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया.

यहां एक पिता और उसके परिवार ने मिलकर अपनी ही नवजात जुड़वां बेटियों को मौत के घाट उतार दिया. सपनों की उड़ान भरने दुनिया देखने से पहले ही उन मासूमों को दूर कर दिय गया है. इस घटना ने समाज के उस कड़वे सच को उजागर किया है, जहां बेटियां आज भी बोझ मानी जाती हैं.

पुलिस की कार्रवाई और चार्जशीट का खुलासा

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी पिता नीरज सोलंकी समेत उसके परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया. चार्जशीट में हत्या, भ्रूण हत्या और अपराध छिपाने जैसे आरोप दर्ज किए गए. चार्जशीट के मुताबिक, 800 पन्नों में इस अपराध की कहानी दर्ज है - नीरज सोलंकी (30) - मुख्य अपराधी, विजेंद्र सोलंकी (60) - नीरज के पिता, चांद कौर(56) - नीरज की मां, दिनेश (32) - नीरज का भाई और मोनिका (37) - नीरज की भाभी. इन सभी पर हत्या और दहेज प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.

कैसे रची गई हत्या की साजिश

30 मई को नीरज की पत्नी पूजा ने रोहतक के एक अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया. लेकिन नीरज और उसके परिवार को ये बच्चियां मंजूर नहीं थीं. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, नीरज और उसके परिवार ने पूजा से झूठ कहा कि वे उसे मायके छोड़ने ले जा रहे हैं. लेकिन वे नवजात बच्चियों को सुल्तानपुरी ले आए. चार्जशीट के अनुसार, परिवार ने बच्चियों को जरूरी पोषण और इलाज से वंचित कर मौत की ओर धकेला. उनकी हत्या को छुपाने के लिए बच्चियों को चुपचाप दफना दिया गया.

परिवार का हर सदस्य बना अपराध का भागीदार

इस अपराध में पूरे परिवार ने मिलकर हिस्सा लिया. नीरज जिने नवजात बच्चियों की हत्या की, विजेंद्र जिसने शव दफनाने में मदद की, चांद कौर जिसने बच्चियों को नीरज के हवाले किया, दिनेश और मोनिका जो अपराध की साजिश में सक्रिय भागीदार रहे.

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