क्या दिल्ली पुलिस ने टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार को कर लिया अगवा? Social Media में मचा हल्ला, जानें Viral Video की सच्चाई
दिल्ली के सेक्टर-38 पेट्रोल पंप पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब साइबर सेल की टीम ने मनीकंट्रोल के पत्रकार राहुल साहा को धोखेबाज समझते हुए जबरन पकड़ने की कोशिश की. टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार अयंतीका पाल ने वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जो वायरल हो गया. दिल्ली पुलिस ने बाद में अपनी गलती मानी और बोनट पर माफीनामा लिखा.;
राजधानी के सेक्टर-38 स्थित एक पेट्रोल पंप पर गुरुवार दोपहर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने दो वरिष्ठ पत्रकारों को धोखेबाज समझकर घेर लिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार अयंतीका पाल और मनीकंट्रोल के राहुल साहा उस समय कार में पेट्रोल भरवा रहे थे, जब plain clothes में पहुंचे तीन पुलिसकर्मियों ने बिना पहचान बताए जबरन राहुल को कार से बाहर खींचने की कोशिश की.
गिरफ्तारी की कोशिश और प्रेस कार्ड भी न बना ढाल
अयंतीका ने हालात को समझते हुए तुरंत मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की और बार-बार पुलिस से पहचान पत्र दिखाने को कहा, लेकिन पुलिसकर्मी अनसुना करते रहे. जब उन्होंने विरोध किया तो एक पुरुष कॉन्स्टेबल ने महिला कर्मी को आदेश दिया, 'खींचो इसे पीछे से!" प्रेस कार्ड और पत्रकार होने की बात कहने के बावजूद पुलिस उन्हें अपराधी समझती रही.
सिर्फ नाम और शक्ल की समानता बनी वजह
जांच में सामने आया कि पुलिस जिस साइबर अपराधी की तलाश कर रही थी, वह हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला था और उसका नाम भी राहुल ही था. मोबाइल सिग्नल ट्रेस करते हुए पुलिस सेक्टर-38 के इस पेट्रोल पंप तक पहुंची थी, जहां एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग में राहुल साहा को आरोपी मान लिया गया. जैसे ही असली पहचान स्पष्ट हुई, सब-इंस्पेक्टर ऋतु डांगी ने कार की बोनट पर खड़े होकर हाथ से एक माफीनामा लिखा। इसके बाद पुलिस टीम ने वहां से विदाई ली.
दिल्ली पुलिस का सफाईनामा
DCP प्रशांत गौतम ने सफाई देते हुए कहा, 'पुलिस की मंशा किसी को परेशान करने की नहीं थी, संदेहास्पद मोबाइल लोकेशन के आधार पर कार्रवाई की गई. पहचान स्पष्ट होते ही टीम ने माफी मांगी और कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया.'
(डिसक्लेमर- इस खबर की पुष्टि स्टेट मिरर हिंदी नहीं करता है यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर है)