दिल्ली पुलिस को मिली सफलता, जीटीबी अस्पताल में हुई गोलीबारी मामले का मास्टरमाइंड हुआ गिरफ्तार
दिल्ली में अपराधों की फेहरिस्त कम होने का नाम नहीं ले रही है. जीटीबी नगर में हुए हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस को इस मामले का मुख्य आरोपी मिल गया है. यह मामला दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों लिया था, जिसके करीब ढाई महीने बाद आरोपी को पकड़ लिया गया है.;
14 जुलाई को जीटीबी अस्पताल में एक 35 वर्षीय रियाजुद्दीन को पांच गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले को क्राइम बांच में सौंपा गया और इस मामले में शामिल में कुख्यात गिरोह के मुख्य सदस्य और शूटर को गिरफ्तार किया है. इस मामले को अंजाम देने के लिए बाबरपुर इलाके के एक फ्लैट में इस हत्या के लिए साजिश की रची गई थी. साथ ही, आरोपी ने शूटर को हथियार भी दिए थे. इसमें मौजूद आरोपी को हत्या के संबंध में पीएस जीटीबी एन्क्लेव, दिल्ली में धारा 103(1)/61(2)/3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था.
मेरठ के हाईवे से किया गिरफ्तार
आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली, यूपी और पंजाब में अलग-अलग जगहों छापा मारा. इसके लिए टीम ने अभियान शुरू किया, जिसमें मैनुअल इंटेलिजेंस तकनीकी सर्विलेंस के बलबूते पर आखिरकार पुलिस के हाथ सफलता मिली और पुलिस ने इस हत्या के मास्टरमाइंड को फहीम उर्फ बादशाह को मेरठ में हाईवे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. फहीम उर्फ बादशाह की उम्र 30 साल है और वह दिल्ली के बाबरपुर निवासी है.
प्रॉपर्टी डीलिंग का करता था काम
फहीम उर्फ बादशाह साल 2019 में दिल्ली में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करना शुरू कर दिया था. इस दौरान वह दिल्ली के एक गिरोह से मिला और फिर छोटे-मोटे अपराध करने शुरू कर दिए. इसके अलावा, अगस्त 2023 में फहीम को सराय रोहिल्ला थाने में डकैती के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.इस जुर्म के लिए उसे करीब दस महीने की सजा हुई.
अगले साल 2024 में फहीम जेल से बाहर आ गया, लेकिन अपनी गैंग से नाता नहीं तोड़ा. इस दौरान उसमें अपने विरोधी गैंग के सदस्य को मारने की योजना बनाई. फहीम ने इस घटना से करीब 1 दिन पहले एक कुख्यात गैंगस्टर से दो अवैध हथियार खरीदकर अपने घर में रखा.
गैंग में शामिल थे 6 लोग
इस गैंग में फहीम के साथ 5 साथी और थे, जिनके नाम अमन, मिंडा, शावेज, सैफ अली और फोजान है. यह सारे लोग हथियार संग जीटीबी अस्पताल पहुंचे, लेकिन गलत पहचान के कारण उन्होंने जीटीबी अस्पताल के उसी वार्ड में भर्ती एक अन्य मरीज रियाजुद्दीन पर गोलियां चला दीं
जिसमें वसीम का इलाज चल रहा था. जुर्म को अंजाम देने के बाद सभी लोग अस्पताल से फरार हो गए. फरार होने के दौरान फहीम अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जाकिर नगर, दिल्ली, बिहार, पंजाब और मेरठ में अलग-अलग जगहों पर रह रहा था.