अबॉर्शन-मनाली ट्रिप, फिर लगाया झांसा देने का आरोप, आखिर कोर्ट में क्यों किया आरोपी को बरी
दिल्ली कोर्ट में एक मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने सेना ऑफिसर पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाएं. इतना ही नहीं, महिला को अबॉर्शन के लिए मजबूर भी किया. इसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया है.;
दिल्ली के एक कोर्ट ने कहा कि सेक्स के लिए किसी को भी लालच नहीं दिया जा सकता है. अदालत ने यह टिप्पणी एक ऐसे मामले पर की, जिसमें एक महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को बरी कर दिया है. यह सुनवाई एडिशनल सेशन जस्टिस गजेंद्र सिंह नागर ने एक ऑफिसर के खिलाफ की गई, जिस पर अननैचुरल क्राइम करने और महिला को मजबूरन दो बार अबॉर्शन कराने का भी केस दर्ज है.
वहीं, इस मामले में कोर्ट ने पीड़ित महिला के बयानों पर भी कई सवाल उठाए. 25 फरवरी को एक फैसले में कोर्ट ने इस केस में कई गड़बड़ी पाई, जिसके चलते आरोपी को बरी कर दिया गया है. चलिए जानते हैं आखिर क्या है मामला?
आरोप हैं बेबुनियाद
इस मामले में कोर्ट का कहना है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे. साथ ही, महिला की गवाही भी गलत और गड़बड़ी थी. अदालत ने कहा कि इस मामले में यह साफ है कि शिकायतकर्ता के साथ किसी भी तरह का कोई गलत काम नहीं हुआ है. महिला आरोपी शख्स के साथ रिश्ता रखना चाहती थी, लेकिन कुछ चीजों के चलते दोनों के बीच रिश्ता टूट गया.
पीड़िता के बयान में गड़बड़ी
अदालत को पीड़िता के बयानों में गड़बड़ी नजर आई. जहां महिला ने अपने साथ हुए दुष्कर्म के बारे में अपने घरवालों को नहीं बताया. इतना ही नहीं, यह सब होने के बावजूद भी आरोपी के साथ हिल स्टेशन गई.
अधिकारी की छुट्टियां
महिला ने आरोप लगाया था कि 13 फरवरी को उसके किराए वाले घर में यह दुष्कर्म हुआ है. जहां सेना में साथ काम कर रहे सहकर्मी ने बताया कि आरोपी को 14-15 फरवरी के बीच छुट्टी की मंजूरी दी गई थी. अगर आरोपी की 14 फरवरी से छुट्टी थी, तो वह इतनी जल्दी दिल्ली कैसे पहुंच सकता है. ऐसे में यह संभव नहीं है कि वह 13 फरवरी को दिल्ली में मौजूद हो.