हैट्रिक, वापसी और अस्तित्व की लड़ाई... 'AAP', बीजेपी, कांग्रेस के लिए दिल्ली चुनाव कितना है खास?

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे दिल्ली 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए तैयार हो रही है, AAP लगातार तीसरी बार जीत हासिल करना चाहती है, जबकि भाजपा 27 साल के बाद वापसी की तैयारी में है, तो कांग्रेस के लिए ये चुनाव अस्तित्व बचाने की लड़ाई जैसा है.;

Delhi Assembly Election 2025
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 4 Feb 2025 8:10 AM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली चुनाव में वोटिंग को बस कुछ ही घंटे बचे हैं और अब कौन सी पार्टी कहां स्टैंड कर रही, ये चुनाव प्रचार थमने के बाद अंदाजा लगाया जा सकते है. तीनों प्रमुख पार्टियों आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन वोटर्स को लुभाने के लिए रोड शो, बैठकें, डोर टू डोर कैंपेन और बाइक रैलियां कीं.

हैट्रिक लगाने में लगी केजरीवाल की 'AAP'

दिल्ली में बीजेपी पूरी तरह से सत्ता विरोधी लहर चलाने पर जोर लगाई और कुछ हद तक इसमें कामयाब भी दिख रही है. यही कारण है कि आप चीफ अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट कम करते हुए 55 सीटों पर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि, ये लगाई आप के लिए सत्ता में हैट्रिक लगाने की लड़ाई है, जिसमें शायद वो कामयाब भी हो जाए.

27 साल वापसी के लिए बीजेपी ने की एड़ी-चोटी एक

साल 1998 के बाद बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापसी की राह देख रही. इस बार पार्टी ने हर दांव-पेच लगाया है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं ने जमकर शहर भर में 22 रोड शो और रैलियां कीं. पीएम मोदी ने इसमें जान फूंकने का काम किया तो सीएम योगी और अमित शाह की मौजूदगी जनता को बीजेपी के पाले में लाने की पूरी कोशिश कर रही.

कांग्रेस के लिए अस्तित्व बचाने की लड़ाई

कभी दिल्ली की गद्दी पर एकतरफा राज करने वाली कांग्रेस अब करो या मरो की स्थिति बन गई है. पार्टी के लिए ये लड़ाई अस्तित्व बचाने की लड़ाई है, क्योंकि फिलहाल दिल्ली विधानसभा में उसके एक भी विधायक नहीं हैं. ऐसे में खाता खोलना और अपने अस्तित्व को दिल्ली में जिंदा रखना ही उसका एकमात्र लक्ष्य जैसा है. कांग्रेस 2013 तक 15 सालों तक दिल्ली में सत्ता में रही और उसे सत्ता सा बाहर रहना सता रहा है.

5 फरवरी को दिल्ली चुनाव के लिए वोटिंग

बुधवार यानी 5 फरवरी को 13,766 वोटिंग सेंटर पर 1.56 करोड़ वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं. इस बार दिल्ली में 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

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